अंजनी राय.
बलिया।। प्रदेश सरकार द्वारा गांवों को 18 घंटे बिजली देने का दावा बलिया मे पूरी तरह हवा-हवाई साबित हो रहा है। यहा विद्युत आपूर्ति का कोई शेड्यूल निर्धारित नहीं होने से बिजली कब आएगी व कब जाएगी इसका किसी को पता ही नहीं चल पाता। आज हालत यह है कि जनपद के कई क्षेत्रो मे 24 घंटों में मात्र चार पांच घंटे ही सही बिजली मिल पाती है। इसमें भी बिजली के आने-जाने का क्रम निरंतर बना रहता है। बलिया के सुखपुरा मे वर्ष 1962 में विद्युतीकरण किया गया। आज पूरे क्षेत्र सहित कस्बे में उसी समय के लगाए गए जर्जर तारों से ही बिजली दी जाती है। कई पोल तो अपनी आखिरी सांसें गिन रहे हैं फिर भी विभाग को इसकी तनिक चिंता नहीं है। इस बीच यहां सब स्टेशन का निर्माण जरूर हुआ लेकिन इस कस्बे को उसका लाभ आज तक नहीं मिला। कारण सब स्टेशन से विद्युत आपूर्ति करने के लिए तीन फीडर बनाने थे लेकिन आज तक न तो तीन फीडर बने और न ही सुखपुरा टाउन के लिए अलग फीडर की व्यवस्था की गई। कहीं भी फाल्ट होता है तो पूरे क्षेत्र की आपूर्ति काट दी जाती है। पिछली सरकार में तमाम प्रयास के बावजूद फीडरों की व्यवस्था नहीं की गई और न ही जर्जर तारों व पोलों को बदला गया। विद्युत कर्मचारियों का भी कहना है कि जब तक जर्जर तारों व खंभों को बदल कर टाउन के लिए अलग फीडर की व्यवस्था नहीं की जाएगी, आपूर्ति में सुधार काफी कठिन है।
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