कनिष्क गुप्ता.
इलाहाबाद। बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे अयोध्या प्रसाद पाल के खिलाफ एक हफ्ते में एफआइआर दर्ज कराने के राज्य सरकार के आश्वासन के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका पर हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया है। पूर्व मंत्री पर फतेहपुर और अन्य जिलों में 23 करोड़ रुपये कीमत की सरकारी जमीन हड़पने का आरोप है। याचिका में लोकायुक्त और विजिलेंस जांच के बावजूद कोई कार्रवाई न होने पर मामले की सीबीआइ से जांच कराने की मांग की गई थी। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डीबी भोंसले और न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खंडपीठ ने धर्मेंद्र की जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।
मामले की विजिलेंस जांच पूरी
राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी और अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता शशांक शेखर सिंह ने कोर्ट को बताया कि मामले की विजिलेंस जांच पूरी हो चुकी है। राज्य सरकार अगले एक हफ्ते में प्राथमिकी दर्ज कराने जा रही है। याची के अधिवक्ता एके बाजपेई का कहना था कि बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे अयोध्या प्रसाद पाल ने समाजवादी पार्टी को ज्वाइन कर लिया था जिसके चलते लोकायुक्त की रिपोर्ट पर कार्रवाई नहीं की गई और विजिलेंस जांच बैठा दी गई। विजिलेंस जांच होने के बावजूद सरकार करोड़ों के घोटाले पर कार्रवाई करने से कतरा रही है। सीबीआइ जांच से ही दोषी पर कार्रवाई हो सकती है। सरकार का पक्ष था कि लोकायुक्त की जांच को लेकर हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में याचिका विचाराधीन है लेकिन, इसके बाद हुई विजिलेंस जांच में घपले के आरोपों की पुष्टि हुई है। सरकार प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करेगी। राज्य सरकार की ओर से स्वयं ही कदम उठाने के कारण कोर्ट ने हस्तक्षेप से इन्कार कर दिया।
सबा अंसारी डेस्क: शुक्रवार को वक़्फ़ (संशोधन) विधेयक पर संसदीय समिति की बैठक में हंगामे…
मो0 कुमेल डेस्क: महाराष्ट्र के भंडारा ज़िले में ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में विस्फोट के कारण छत…
तारिक आज़मी डेस्क: बिहार में मोकामा विधानसभा क्षेत्र के नौका जलालपुर पंचायत में हुई गैंगवार…
अनिल कुमार पटना: मोकामा के पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह और सोनू-मोनू गिरोह के बीच…
आदिल अहमद डेस्क: यूक्रेन में युद्ध ख़त्म करने को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की…
तारिक खान डेस्क: सुप्रीम कोर्ट की पीठ विदेशी नागरिकों के निर्वासन और असम के हिरासत…