कनिष्क गुप्ता
इलाहाबाद। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग से आयोजित होने वाली सहायक प्रोफेसर के विज्ञापन-46 के 9 विषय के लंबित साक्षात्कार व विज्ञापन-47 की लिखित परीक्षा को तत्काल आयोजित कराने की मांग को लेकर प्रतियोगियों ने उच्च शिक्षा प्रतियोगी मोर्चा के संयोजक पवन कुमार सिंह, युवा मंच के अध्यक्ष अनिल सिंह, युवा मंच संयोजक राजेश सचान व चंद्रेश पाण्डेय के नेतृत्व में आयोग में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में भारी संख्या में प्रतियोगी मौजूद रहे। प्रदर्शन के दबाव में आयोग अध्यक्ष द्वारा वार्ता बुलाई गई और आश्वस्त करने का प्रयास किया गया कि यथाशीघ्र विज्ञापन-46 के बचे हुए विषयों के साक्षात्कार व विज्ञापन-47 की परीक्षा के संबंध में निर्णय लिया जायेगा।
परन्तु मार्च अंत तक भी इन लंबित प्रक्रिया को शुरू कराने का ठोस आश्वासन न देने पर अल्टीमेटम दिया गया कि 8 मार्च को आयोग की होने वाली बैठक में पूरे प्रदेश से प्रतियोगी जुटेगें और अगर उस दिन आयोग द्वारा लंबित प्रक्रिया शुरू कराने को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो निर्णायक आंदोलन का निर्णय लिया जायेगा। उच्च शिक्षा प्रतियोगी मोर्चा के संयोजक पवन कुमार सिंह ने कहा कि कोरम के अभाव में एक साल से चयन प्रक्रिया रूकी हुई है, आंदोलन के दबाव में आयोग का गठन तो कर लिया गया है परन्तु सरकार की नीयत अच्छी नहीं है। अगर जांच कराने के नाम पर और देरी की गई तो इसके परिणाम सरकार को भुगतने पड़ेगंे। कहा कि विज्ञापन-46 के 80 फीसदी विषयों के रिलज्ट घोषित होने के बाद ज्वाइनिंग भी दी जा चुकी है।
उच्च शिक्षा प्रतियोगी मंच के अध्यक्ष चंद्रेश पाण्डेय ने आरोप लगाया कि सरकार के दबाव में आयोग द्वारा अनावश्यक देरी की जा रही है। उन्होंने कहा कि आयोग 5 वर्ष में एक विज्ञापन की भर्ती पूरी की जा रही है। अध्यक्ष व सदस्यों से हुई वार्ता में युवा मंच के संयोजक राजेश सचान व अध्यक्ष अनिल सिंह ने छात्रों का पक्ष रखते हुए कहा कि प्रतियोगी इस आशंका से ज्यादा बेचैन हैं कि कहीं जांच के नाम पर अनावश्यक देरी न हो। इस पर अध्यक्ष व सदस्यों ने आश्वस्त किया कि ऐसा नहीं होगा, लेकन अध्यक्ष द्वारा इस संबंध में ठोस आश्वासन न देने से युवाओं का आक्रोश और बढ़ गया। अध्यक्ष को यह भी बताया गया कि कई बार मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों व आलाअधिकारियों ने वार्ताओं में यह आश्वस्त किया था कि जैसे ही आयोग व बोर्ड का गठन होगा वैसे लंबित भर्ती प्रक्रिया बिना देरी शुरू होंगी।
प्रदर्शन के दौरान प्रतियोगियों को संबोधित करते हुए युवा मंच के अध्यक्ष अनिल सिंह व संयोजक राजेश सचान ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रतिदिन लाखों रोजगार देने की घोषणा कर रहे हैं, कुछ इसी तरह की घोषणायें प्रधानमंत्री मोदी द्वारा केंद्र में सत्तारूढ़ होने के बाद की गई थीं, लेकिन विगत 4 साल में रोजगार संकट में भारी इजाफा हुआ है। इसलिए कोरी बयानबाजी व लफ्फाजी करने के बजाय मुख्यमंत्री को यह बताना चाहिए कि प्रदेश में खाली 10 लाख पदों पर भर्ती का वादा कब पूरा होगा और 11 माह बाद भी लंबित चयन प्रक्रियायें भी क्यों अधर में लटकी हैं और सरकारी पदों को भरने के बजाय सारा कामकाज आउटसोर्सिंग कंपनियों, फ्रेंचाइजी व संविदा के तहत क्यों कराया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अम्बानी सहित जिन पूंजीपतियों के सहारे लाखों करोड़ निवेश की उम्मीद मुख्यमंत्री पाल रहे हैं उन्हें भलीभांति मालूम है कि इन पूंजीपतियों ने ही बैंको में आम जनता की जमा की गई 17 लाख करोड़ की परिसंपत्तियों को लूटा गया है। इसलिए अगर इन पूंजीपतियों के पास इतना सारा धन है तब बैंको द्वारा इनके कर्ज को बट्टा खाता में डाल कर इनके कर्ज को वसूली के बजाय राईट आफ क्यों किया जा रहा है। प्रदर्शन के दौरान उच्च शिक्षा प्रतियोगी मोर्चा के संयोजक पवन कुमार सिंह, युवा मंच के अध्यक्ष अनिल सिंह व संयोजक राजेश सचान, चंद्रेश पाण्डेय, समरजीत सिंह, राकेश कुमार वर्मा, बलराम मिश्रा, दीपक कुमार बाजपेयी, राकेश कुमार, जय सिंह, बृजेश कुमार, अमित सिंह, परमवीर, श्वेता विश्वकर्मा, उदय सिंह पटेल, सर्वेश, बिनोद कुमार चैहान सहित भारी संख्या में प्रतियोगी मौजूद रहे।
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