कनिष्क गुप्ता
इलाहाबाद : इलाहाबाद डिग्री कॉलेज के प्राचीन इतिहास विभाग की ओर से डॉ. ओपीएल श्रीवास्तव ने ‘कालिदास की तिथि’ पर व्याख्यान दिया। डॉ. श्रीवास्तव ने बेतवा नदी के तट पर स्थित ऐरच पुरास्थल से प्राप्त अभिलेखों, मुद्राओं और मालविकाग्निमित्रम् के आधार पर प्रमाणित करने का प्रयास किया कि कालिदास को द्वितीय शताब्दी वर्ष का माना जा सकता है। उन्होंने अग्निमित्र को भी बैम्बिक वंश के होने की बात कही।
उन्होंने यह भी बताया कि कालिदास के साहित्य में ‘निष्क’ नामक सिक्के का उल्लेख है। इस आधार पर उन्हें गुप्तकालीन नहीं माना जा सकता, जबकि गुप्तकालीन सिक्का ‘दीनार’ है जिसका उल्लेख कालिदास के साहित्य में नहीं है। सभा की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. अतुल कुमार सिंह ने किया। संचालन डॉ. सुमिता टंडन और राम मिश्र ने धन्यवाद अभिव्यक्त किया।
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