लखीमपुर खीरी = पलिया कलां ÷ ज्यों ज्यों मुख़्यमंत्री के आगमन की तारीख नजदीक आ रही है वैसे वैसे सरकारी अमलों मे हड़कम्प की स्थिती देखते ही बन रही है कि जिस सरकारी जगहो पर जाकर देखो वहां आपको सभी कर्मचारी और अधिकारी अपने कार्यो और हाव भाव को पूरी तरह से बदलते देखें जा सकते है क्योकि सभी को मालूम है कि मुख्यमंत्री के आने पर उनके द्वारा की गयी छोटी से छोटी भूल उन पर गाज गिरा सकती है और इसी के चलते पलिया कोतवाली में भी कुछ ऐसा ही हाल देखने को मिल रहा है और तेजी से साफ सफाई और रंग रोगन का कार्यक्रम चालू है ।
जी हां अरसा दराज़ से गिरे पड़े थाना और पुलिस चौकी के भवनों, पुलिस क्वाटर की इमारतों की फिक्र नहीं करने वाले शासन प्रशासन को अब इन भवनों के रंग पेंट से चमकाने की फिक्र सता रही है. हकीकत देखी जाये तो प्रदेश में कई थाने ऐसे है, कई पुलिस चौकिया ऐसी है जहा पर हमारी सुरक्षा के लिये तैनात पुलिस कर्मी खुद सुरक्षित नहीं है मगर साहब किसी को इसकी मरमत की फिक्र नहीं है मगर जब बात खुद के गुड वर्क की हो तो राजनैतिक और उच्चाधिकारियों को इन भवनों की फ़िक्र दिखाई दे जाती है. शायद फिक्र क्षणिक ही होती है मगर होती है.
जी हां आपको बता दे कि हमारे अंतर राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त दुदवा राष्ट्रीय उद्यान में होने वाले बर्ड फैस्टीवल के कार्यक्रम में शामिल होने के लिये हमारे देश के मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी पहुंच रहे है जिसके कारण जहां उद्यान में हर तरह से उनके स्वागत की तैयारियां चल रही हैं वहीं दूसरी ओर सरकारी अमलो में भी ह़डकम्प की स्थिती नजर आ रही है फिर चाहे वो तहसील, सीओ आफिस , कोतवाली ,मंडी समिति, सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र हो या फिर ब्लाक सभी जगह के अधिकारी कर्मचारियों में हड़कम्प मचा हुआ है क्योकि उनको अच्छी तरह से मालूम है कि हमारे मुख्यमंत्री साहब किस जगह निरिक्षण करने पहुंच जाये और कब उनकी छोटी सी भूल उनके लिये अभिशाप साबित हो जाये कोई कह नही सकता और कुछ इसी मनोस्थिती को देखते हुए हमारी पलियो कोतवाली में भी साफ सफाई और रंगाई पुताई का कार्य किया जा रहा है और जिसे बहुत जल्दी पूरा करवाने के लिये हमारे कोतवाल विपिन कुमार सिंह परे कोतवाली में घूम कर आवश्यक दिशा निर्देश दे रहे हैं जिससे की जल्द से जल्द कार्य को पूरा करवाया जा सके और साफ सफाई के साथ ही उनकी देख रेख मे रजिस्टर आदि भी सही करवाये जा रहे है । उधर कोतवाल विपिन कुमार सिंह का कहना है की यह सब कार्य इसलिये भी हो रहा है कि आने वाले मार्च के माह में पुलिस अधीक्षक के द्वारा वार्षिक निरिक्षण भी होना है।
अब सवाल यह पैदा होता है कि क्या इसके पहले किसी साल में मार्च का महिना नहीं आया या फिर निरिक्षण नहीं हुआ. रंग पेंट तो ठीक है मगर साहब अन्दर जो दीवारे जर्जर हो रही है उसकी भी फिक्र होनी चाहिये. गर्मियों के दिनों में शीतल जल का जो मटका रखा जाता है वह जल को कितना शीतल करता है सभी जानते है. फिक्र उसकी भी होनी चाहिये. और साथ में वह जो बैरेक बने है, जो पुलिस कर्मियों के आवास हेतु क्वाटर बने है थोडा चिंता उसकी भी बनती है साहब क्योकि बाल बच्चे तो पुलिस कर्मियों के भी होते है.
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