लखनऊ में चल रहे ‘ओशो मेडिटेशन वर्कशॉप’ में ओशो द्वारा लिखवाये गए अपने संस्मरण ‘बुक्स आई हैव लव्ड’ के स्वामी ज्ञान समर्पण द्वारा लिखे गए हिंदी अनुवाद ‘मेरी प्रिय पुस्तकें’ का जबलपुर से आयी माँ शशि द्वारा विमोचन किया गया।इस पुस्तक को दिव्यांश प्रकाशन,लखनऊ द्वारा प्रकाशित किया गया है।
गौरतलब है कि,लखनऊ का दिव्यांश प्रकाशन अब तक ओशो की पचास से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन कर चुका है।वर्कशॉप में शिविर संचालक माँ प्रेमसिन्धु ने आजकल के भागदौड़ और तनावपूर्ण जीवन शैली में ध्यान के महत्व पर प्रकाश डाला एवँ ओमकार की महत्ता स्पष्ट करते हुए इसका अभ्यास भी करवाया।इस दौरान दिव्यांश प्रकाशन के एम.डी.नीरज अरोरा भी उपस्थित रहे।
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