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सुल्तानपुर = देखे अश्लीलता का नाच, बिना अनुमति आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में

हरिशंकर सोनी.

सुल्तानपुर (कादीपुर). मंच पर माँ भारती की तस्वीर, बैनर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम और हुआ क्या ये फूहड़ और अश्लील डांस. नृत्य करने वाली बालाओ के पहनावे देखे, क्या यही संस्कृति है इसको ही सांस्कृतिक कार्यक्रम कहते है. शायद नहीं इसको अश्लीलता कहा जाता है. इसको फूहड़ता कहा जाता है और कही न कही से ये माँ भारती के तस्वीर का भी अपमान है.

जी हा आयोजक महोदय, भले आपने दबंगई से बिना प्रशासनिक अनुमति लिये कार्यक्रम आयोजित किया और कार्यक्रम करवा भी लिया मगर ये कार्यक्रम माँ भारती का अपमान है. आयोजक महोदय राजनितिक पाठशाला में क्या आपने इस अपमान शब्द की परिभाषा को नहीं पढ़ा है क्या ? साहब क्या ऐसा नृत्य आप अपने परिजनों के सामने देख सकते है, क्या आपकी माँ अगर बैठी है तो उनके सामने इस लिबास में कोई नृत्यांगना नृत्य कर सकती है. नहीं न आप कहोगे ये मेरी माँ का अपमान है, तो फिर माँ भारती की तस्वीर लगा कर आपने इस प्रकार का जो नृत्य करवाया वह माँ भारती का अपमान नहीं है.

शर्म तो और भी तब आना चाहिये था जब आपने बिना अनुमति के केवल अपनी दबंगई में यह कार्यक्रम करवा लिया. साहब आपने अनुमति नहीं लिया था यह हम नहीं कह रहे है बल्कि क्षेत्राधिकारी कादीपुर के बी सिंह ने हमसे बताया है. अब साहब शासन के आदेशो के बावजूद आपने प्रशासन से अनुमति नहीं लिया तो इसको आपकी दबंगई ही कहा जायेगा और क्या कहा जायेगा. वैसे आयोजक महोदय, ये जो आपने इस कार्यक्रम का नाम सांस्कृतिक कार्यक्रम रखा था तो क्या आपके अनुसार सांस्कृतिक कार्यक्रम ऐसे होते है. जहा तक हम थोडा सा पढ़े लिखे लोग जानते है कि सांस्कृतिक कार्यक्रम वह कार्यक्रम होता है जिसमे हम अपनी संस्कृति को पेश कर सके. जैसे कत्थक नृत्य या देश का अन्य नृत्य, वाध्य यन्त्रं, ग़ज़ल, ठुमरी आदि आदि, इस लिस्ट में इस प्रकार का डांस तो शामिल नहीं होता है. इस प्रकार का नाच तो पाश्चात्य सभ्यता का प्रतीत है.

इससे भी ज्यादा शर्मनाक बात यह है कि आपने कार्यक्रम में क्षेत्र के सम्मानित लोगो को भी बुला लिया था. वह सब शांति से अपना सम्मान बचाते हुवे खुली आँखों से नज़रे झुका कर इसको देखते रहे कर भी क्या सक्ते थे जब आप शासन और प्रशासन की बात नहीं मान रहे थे तो उनकी क्या मानेगे.

जिले के कादीपुर तहसील के ठीक सामने विमला मार्किट में हुवे इस कार्यक्रम में क्षेत्र के सम्मानित नागरिक भी सम्मिलित थे, मगर इसका विरोध केवल फुसफुसाहट तक था. किसी ने मुखर होकर विरोध नहीं किया था मौके पर. कार्यक्रम का आयोजन आनंद जायसवाल के द्वारा किया गया था. चर्चाओ के अनुसार इस कार्यक्रम को करवाने वाले लोग भाजपा के कार्यकर्ता है और उनका साथ व्यापर मंडल के कुछ पदाधिकारी भी शामिल थे.  कार्यक्रम में मुख्यरूप से  प्रदीप मौर्य बग्गा, ललित कसौधन, घनश्याम चौहान, सतीश मोदनवाल. कैलाश मोदनवाल, बिनोद सोनी महामन्त्री उद्योग ब्यपार मंडल हरिशंकर एडवोकेट,समेत सैकड़ो संभ्रांत और सम्मानित लोग रहे मौजूद

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