उधमसिंह नगर ( उत्तराखंड )।। न एनओसी, न ही आग से सुरक्षा के पर्याप्त उपकरण। धड़ल्ले से आबादी क्षेत्र में खुले स्क्रैप, प्लास्टिक, तेल और कागज के करीब 300 गोदाम सुरक्षा मानकों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। कभी भी लापरवाही इन गोदामों को आग का गोला बना सकती है।
गर्मियां शुरू हो चुकी हैं और तराई में आगजनी की घटनाएं आम बात हैं। वर्ष 2017 की बात करें तो जसपुर, काशीपुर, बाजपुर, गदरपुर, रुद्रपुर, किच्छा, सितारगंज, नानकमत्ता और खटीमा थाना क्षेत्र में आग की 566 घटनाएं हुईं। इनमें एक व्यक्ति की जान भी गई। जबकि पांच पशु जलकर मर गए। 6.81 करोड़ रुपये की संपत्ति का भी नुकसान हुआ। फायर विभाग के मुताबिक हर साल आगजनी की 50 प्रतिशत घटनाएं लापरवाही व चूक से होती हैं। दमकल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिले में करीब 300 से अधिक स्क्रैप, कागज, प्लास्टिक और तेल के गोदाम हैं। इन गोदामों के पास न तो एनओसी है और न ही पर्याप्त फायर उपकरण। बिना एनओसी के ये गोदाम चल रहे हैं। ऐसे में कभी भी यहां बड़ा हादसा हो सकता है। बावजूद जिला और पुलिस प्रशासन के साथ ही फायर विभाग इन गोदामों से बेखबर है।
अनिल कुमार पटना: बिहार के पश्चिमी चंपारण ज़िले के एक गांव में कथित तौर पर…
तारिक आज़मी डेस्क: हमास और इसराइल के बीच संघर्ष के दरमियान रविवार को अंततः 15…
फारुख हुसैन डेस्क: आज संभल में नखास थाना इलाके के रायसत्ती पुलिस चौकी में हिरासत…
शफी उस्मानी डेस्क: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक शख्स को ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने…
ईदुल अमीन डेस्क: आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या…
सबा अंसारी झांसी: झांसी के एसपी ऑफिस के बाहर ही दरोगा और सिपाही के बीच…