कनिष्क गुप्ता
इलाहबाद-उन्होंने सशर्त कहा है कि ‘इन सांविधानिक मांगों को माना जाए या मेरा त्यागपत्र या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति स्वीकार की जाए। उन्होंने पूरे देश के युवाओं से शांति की अपील करते हुए कहा कि ‘इस परिस्थिति में मुझे बार-बार विचार आ रहा है कि अब नहीं तो कब, हम नहीं तो कौन। उल्लेखनीय है कि डॉ. बीपी अशोक अक्सर सुर्खियों में बने रहते हैं। उनके पिता देवी सिंह अशोक रिटायर्ड आइपीएस हैं। बीपी अशोक पर बसपा सरकार में सपा कार्यकर्ताओं के उत्पीडऩ का आरोप लगा था। सपा सरकार बनते ही उन्हें आरटीसी चुनार में भेजा गया। लंबे समय तक वह वहीं रहे।
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