गाजीपुर जनपद के हार्टमन इण्टर कालेज हार्टमन पुर गाजीपुर में आज पृथ्वी दिवस पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।अपने सम्बोधन में जाने माने पर्यावरण प्रेमी मिशन ग्रीन गाजीपुर के संरक्षक फादर पी विक्टर ने कहा की कार्बन उत्सर्जन से ओजोन की चादर में छेद होने से पृथ्वी के लिए गंभीर खतरा पैदा हो गया है। जागरूकता की कमी के कारण लोग पेड़ पौधों को बेतहाशा और अंधाधुंध नुकसान पहुंचा रहे हैं। सरकार के साथ ही कई लोग शहरी क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन करने वाली फैक्ट्री को बंद कराने के साथ पेड़ पौधे लगा कर पृथ्वी को बचाने की भरपूर कोशिश में जुटे हैं। हमें भी पौधा लगाकर बृक्षों की सुरक्षा कर के पृथ्वी को जो हमारी धरती मां है उसको हरा भरा रखने का प्रयास करना चाहिए। फादर पी विक्टर ने कहा कि 22 अप्रैल को हर साल पूरे विश्व मे अर्थ आवर मनाया जाता है। इसके तहत हम सभी लोग एक घंटे तक लाइट्स बंद कर धरती को बचाने का संकल्प लेते है। पृथ्वी को बचाने के लिए हम सभी लोगों को ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाने के लिए मुहिम चलाना चाहिए।
पर्यावरण संरक्षक फादर पी विक्टर ने बताया कि लोगों को बिजली का उपयोग उचित काम के लिए ही करना चाहिए। रोज एक पौधे लगाने की आदत लोगों को अपनी कार्यशैली में लाना चाहिए। इससे पृथ्वी पर हरियाली को बढ़ावा मिलेगा।बृक्षों को पुराण बेद और धार्मिक ग्रन्थों में भी खास महत्व दिया गया है। जन्म से लेकर मरण तक इनकी उपयोगिता है।त्रेतायुग में भगवान राम लक्ष्मण का एवम जानकी का चौदह वर्ष इन पेड पौधों और लताओं के सानिध्य मे ब्यतीत हुवा था। लंका में भी सीता जी अशोक बृक्ष के नीचे ही अपना समय ब्यतीत की। लक्ष्मण शक्ति के समय संजीवनी बूटी भी तो बनष्पति ही थी। द्वापर में भगवान कृष्ण को कदम के बृक्ष से ही लगाव था। उनके अधरों पर सजने वाली वासूरी भी तो पेड पौधो से ही बनती है।गौतम बुद्ध को भी ज्ञान बृक्ष के नीचे ही प्राप्त हुवा था।फादर पी विक्टर एवम शिक्षकों के द्वारा जगह जगह बृक्षारोपण भी किया गया।बिद्यालय की छात्राओं ने अपने हाथ में पौधे लेकर पर्यावरण को हरा भरा करने के संकल्प के साथ भारत का मानचित्र बनाया।इस मौके पर फादर पी विक्टर ने सभी को थ्री ग्रीन का नारा दिया। थ्री ग्रीन में इट ग्रीन ड्रींक ग्रीन और थींक ग्रीन को सभी को अपने जीवन में आत्मसात करने की बात कही।फादर पी विक्टर के द्वारा छात्राओं को पौधा भी भेंट किया गया।फादर पी विक्टर ने कहा की गर्मी की छुट्टी में थोड़ा सा ध्यान पौधों पर देना है बरसात में तो प्रकृति खुद इनकी सिचाई कर देगी। बस आपको इनकी देखभाल करते रहना है।इस अवसर पर सीडी जान, प्रभाकर मणि त्रिपाठी, उदय कुमार, अजय कुमार, सत्येन्द्र पाण्डेय, प्रेम कुमार, दिनेश पाठक, राजेश कुशवाहा, राजकुमार, स्वर्ण लता, ईसरत अतिया, शुभनरायण यादव समेत सभी शिक्षक छात्र छात्राएं उपस्थित रही।
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