उत्तराखंड-पंतनगर ( उधमसिंह नगर )।। हरित क्रांति की जननी जीबी पंत विश्वविद्यालय को अभी देश के सरकारी संस्थानों में स्वच्छता के लिए प्रथम पुरस्कार मिला है, लेकिन उसी पंतनगर विवि परिसर की छोटी मार्केट के व्यवसायी खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। व्यवसायियों द्वारा जनप्रतिनिधियों एवं विवि प्रशासन से कई बार मांग कर दी है। लेकिन आज तक एक भी शौचालय का निर्माण नहीं हो सका। परिवासियों की दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए नब्बे के दशक में आस्तित्व में आई छोटी मार्केट में आज 36 दुकानें हैं। जब इस मार्केट का निर्माण हुआ, तब साथ में ही शौचालय का निर्माण भी कराया गया था। लेकिन प्रशासन द्वारा देख-रेख के अभाव में शौचालय में झाड़-झखाड़ उगते चले गए, और देखते ही देखते एक पीपल के पेड़ ने शौचालय को धराशायी कर दिया। लगभग 15 वर्ष बीत गए, व्यवसायी खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। व्यवसायी नन्हे मिया ने कहा कि जिले को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित करने की कवायद चल रही है, लेकिन शासन-प्रशासन इस ओर आखें मूंदे हुए है। यदि शीघ्र ही विवि प्रशासन नहीं चेता, तो यहा के व्यवसायी जिला शासन एवं शासन का दरवाजा खटखटाएंगे।
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