यशपाल सिंह
आजमगढ़. जहानागंज मंदे गांव निवासी पूर्व बीडीसी मुसाफिर राम की हत्या में गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने पूरी रात छापेमारी की,मगर एक भी आरोपी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया पाया। दूसरे दिन भी सीओ सदर मामले की विवेचना करने में जुटे रहे। पुलिस का मानना है कि विवेचना से ही असली हत्यारों तक पहुंचा जा सकता है। जबकि मृत पूर्व बीडीसी के परिजनों में हत्यारोपियों की गिरफ्तारी न होने से जबरदस्त असंतोष है।
जहानागंज थाने के मंदे गांव निवासी 60 वर्षीय मुसाफिर राम पुत्र सोहित राम पूर्व में क्षेत्र पंचायत सदस्य रहा है। उसकी पट्टीदारों से भूमि को लेकर लंबे समय से रंजिश चली आ रही है। वह बुधवार को सुबह पैदल ही मंदे गांव से नहर होते हुए मंदे बाजार में आ रहा था। इस बीच नहर के पास पहुंचते ही बाइक सवार बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोली मार दी । दो गोली लगते ही मुसाफिर राम की मौत हो गई और हमलावर हवाई फायरिंग करते हुए भाग निकले गए थे। इस पर ग्रामीणों ने हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर शव के साथ मंदे बाजार में चक्का जाम कर दिया था। इस पर सीओ सदर अकमल खां ने शीघ्र हत्यारों की गिरफ्तारी का आश्वासन देकर जाम समाप्त कराया था।
इस मामले में पुलिस ने गांव के प्रधानपति नौशाद अहमद पुत्र इरशाद के अलावा गांव के कन्हैया यादव पुत्र कुन्नू, आनंद कुमार पुत्र ललीत राम, अभिनासी पुत्र कुन्नू, दुर्ग विजय पुत्र पारस,विजय पुत्र पारस के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। बुधवार को हत्या के कुछ ही समय बाद पुलिस ने गांव में छापेमारी कर तीन युवकों को पूछताछ के लिए उठाया था। नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी के संबंध में पूछे जाने पर जहानागंज थानाध्यक्ष नदीम अहमद फरीदी ने बताया कि परिजनों की तहरीर पर नामजद मुकदमा तो दर्ज कर लिया गया है। अभी मामले की सीओ सदर विवेचना कर रहे हैं।
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