(आजमगढ़) : दी किसान सहकारी मिल सठियांव चीनी मिल गन्ना पेराई पूर्ण कर चुका है। सबसे महंगी चीनी होने के साथ डिमांड को लेकर गदगद है। मिल को जो लाभ मिला यह तो अलग है पर किसान इससे सर्वाधिक लाभान्वि हुवे है.
मिल के प्रधान प्रबंधक बीके अबरोल ने बताया कि सठियांव चीनी मिल के आंकड़े दर्शा रहे हैं कि प्रदेश के विकास में इसकी महती भूमिका होगी। इस बार चीनी मिल ने तीन लाख नौ हजार ¨क्वटल चीनी तैयार की थी। इसमें से लगभग 50 हजार ¨क्वटल चीनी का शेष स्टाक है। सठियांव चीनी मिल ने पिछले पेराई सत्र का भुगतान फरवरी माह में ही कर दिया। किसानों का कुल बकाया 74 करोड़ 83 लाख 50 हजार रुपये का भुगतान किया गया। यह बकाया सात फरवरी 2018 तक का है। इसके बाद का बकाया भुगतान होना बाकी है। इस बाबत प्रयास जारी है। 34 करोड़ भुगतान किया जाना है। शीघ्र कर दिया जाएगा। इसके अलावा गन्ना किसानों का प्लाट सर्वेक्षण का कार्य भी कराया जा रहा है।
इस संबंध में किसानों को अपने प्लाट का सर्वेक्षण कराकर उसकी रसीद प्राप्त कर लेनी चाहिए। इसके साथ ही घोषणा पत्र का फार्म भर देना चाहिए ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। वहीं पिछले वर्ष सठियांव चीनी मिल का बिक्री दर प्रति ¨क्वटल 3600 रुपये रहा जो घटकर इस वर्ष 2670 रुपये प्रति ¨क्वटल हो गया है। इसके बाद भी पूरे प्रदेश में आगे है।
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