इलाहाबाद : ग्रामीण डाक सेवकों का कार्य बहिष्कार बुधवार को खत्म हो गया है। सरकार के आश्वासन बाद गुरुवार से डाकिए घर घर जाकर डाक बांटेंगे। 13 दिन तक चले हड़ताल के चलते सभी डाकघरों में डाक डंप पड़े हुए हैं। लोगों के आवश्यक कागजात भी उन तक नहीं पहुंच रहे थे। इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा था
अखिल भारतीय डाक कर्मचारी संघ के आह्वान पर जिले के सभी ग्रामीण डाक सेवक 22 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे। ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकांश डाकघरों में पूरी तरह से कार्य प्रभावित था। कर्मचारी संघ ने सातवें वेतन आयोग को लेकर आर-पार की लड़ाई लड़ने का एलान कर दिया था। ग्रामीण डाक सेवकों ने चेतावनी दी थी कि कर्नल कमलेश चंद्र कमेटी की सकारात्मक सिफारिशों को लागू किए जाने पर सार्थक प्रगति के बगैर हड़ताल वापस नहीं होगी।
कोरांव, मेजा रोड, करछना, जारी जसरा, शंकरगढ़, नैनी, भरवारी, सरायअकिल, मंझनपुर सिराथू, मऊआइमा, सोरांव, फूलपुर, हंडिया, बरौत, सैदाबाद, हनुमानगंज आदि डाकघरों पर धरना प्रदर्शन व नारेबाजी की गई। घूरपुर, शंकरगढ़ आदि शाखा डाकघरों में प्रतिदिन ताला लटकता रहता था।
मंडल सचिव धर्मराज सिंह ने कहा कि सातवें वेतन आयोग के साथ ग्रामीण डाक सेवकों के लिए बैठाई गई कमलेश चंद्र कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दो साल पहले ही दे दी थी, लेकिन केंद्र सरकार व डाक विभाग की फाइलों में दबी है। इस उपेक्षापूर्ण रवैये से ग्रामीण डाक सेवकों में आक्रोश व्याप्त है। जनपद ही नहीं बल्कि देश भर की ग्रामीण अंचलों की डाक सेवा ठप कर दी गई थी लेकिन सरकार ने हमारी मांगों पर सकारात्मक मंजूरी दे दी है। इसलिए आज से डाकसेवक काम पर निकल गए हैं। सभी डाकघर खुल गए हैं और काम कर चालू हो गया है।
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