लखीमपुर खीरी. हमारे देश एक ऐसा देश है जहां पर आये दिन कोई न कोई चमत्कार देखने को मिल ही जाता है और कुछ लोगों की नजर में वह केवल एक भ्रम या फिर अंधविश्वास ही बन कर रह जाता है और उस पर न जाने कितने समय तक लोगों में चर्चा का विषय बना रहता है और कुछ लोग इस चमत्कार को देवीय रूप में मानने लग जाते हैं और कुछ लोग इस वैज्ञानिक कारण बताने लगते हैं ।
फिलहाल जैसा भी होता हो परंतु ऐसा ही एक चमत्कार यूपी के लखीमपुर खीरी मैं देखने को मिला है जहां पर एक ऐसा पीपल का वृक्ष चर्चा का विषय बना हुआ है जो बीते वर्ष तेज तुफान के चलते गिर गया था और काफी समय पड़ा रहा यहीं नहीं वह पीपल का वृक्ष जिसकी शाखाये काट दी गयीं थी और उसे जेसीबी मशीन सहित कई उपकरण के द्वारा वहां से खींचकर हटाने की कोशिश की गयी थी परंतु किसी भी तरह से उस वृक्ष को वहां हे हटवाने में सफल न हो सकें ग्रामीणों का कहना है कि अचानक ही अभी बीते कुछ दिनों पहले ही वह जमीन पर गिरा हुआ पीपल का वृक्ष अपने आप ही दोबारा खड़ा हो गया जो कि एक चमत्कार से कम नहीं है और इस बात की जानकारी होते ही ग्रामीण उसे दैवीय चमत्कार मानते हुए वहां पूजा पाठ भी करवाने लगें हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि फिर अचानच एक दिन लगभग दिन के 2:00 बजे के करीब वह वृक्ष अपने आप ही दोबारा खड़ा हो गया. पड़ोस में ही आम की बाग बचा रहे बाबा चन्द्रभान वर्मा पुत्र छोटेलाल ने बताया कि उन्होंने खुद देखा कि जिस वृक्ष को जेसीबी व ट्रैक्टर नहीं खींच पाया था वह वृक्ष अपने आप उठना चालू हो गया और यह बात चन्द्रभान ने तुरत वहां जाकर कर गांव वालों को बतायी पर गांव वालों ने उनकी बात पर भरोसा नहीं माना उन्होंने कहा आप वहां पर चल कर देख सकते हो कि वृक्ष अपने स्थान पर अपने आप ही उठ कर खड़ा हो गया है जब गांव वाले वहां पहुंचे और देखा कि लगभग एक वर्ष तक ज़मीन पर गिरा हुआ वृक्ष आज अपनी ही स्थान पर खड़ा हुआ है तो उन्होंने उस वृक्ष के चारों तरफ घूम कर देखा तो वह खड़े हुए वृक्ष के पास एक छोटा सा पीपल का वृक्ष जो बहुत ही छोटा था अचानक वह बड़ा हो गया गांव वालों ने इसे चमत्कार मानकर वीर बाबा का स्थान बता कर पूजा अर्चना करना चालू कर दिया. आज वहां पर काफी संख्या में श्रद्धालु आने लगे है। अद्भुत चमत्कारी वृक्ष को देखकर वहां पर पूजा अर्चना और अपनी अर्जियां लगाते हैं
नोट – उक्त घटनाक्रम वैसे ही लिखा गया है जैसा ग्रामीणों ने हमारे सम्वाददाता फारुख हुसैन को बताया. हम किसी भी अन्धविश्वास को बढ़ावा नहीं देते है.
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