संजय ठाकुर/रूपेंद्र भारती
मधुबन/मऊ: ब्लाक क्षेत्र फ़तहपुर मंडाव अंतर्गत अधिकांश ग्राम पंचायतों में जल संचयन के मतलब से खोदे गये ताल तलैयों में आज कल बड़ी बड़ी घासों के के इलावा उड़ती धुल के खेल का मैदान नज़र आ रहा है।बावजूद इसके ब्लाक क्षेत्र के कुछ गाँवो में जल संचयन हेतु खोदे गए ताल तलैया अपने वास्तविकता की धरातल से कोसो दुर है।इसी क्रम में ग्राम पंचायत डुमरी स्थित एक पोखरे पर सहजता से अंदाज़ा लगाया जा सकता है। जहा लाखो रुपया खर्च कर जल संचयन के उद्देश्य से पोखरी खुदाई का कार्य किया गया।मगर अभी तक पानी के बजाय बड़ी बड़ी घासे के बीच बच्चो के खेल का मैदान बनी हुई है।इसी तरह अनेको ग्राम पंचायतों में प्रति वर्ष करोड़ो रूपये खर्च कर सरकार पोखरी खुदाई के नाम पर खर्च करती है। जिससे जल संचयन कि ब्यवस्था बराबर बना रहे और गर्मी के समय पशु पक्षियों को पानी का ब्यवस्था सुचारू रूप से होता रहे। मगर ब्लाक के अधिकारी व कर्मचारी शासन के आदेशो को ठेंगा दिखाते हुए पोखरी खुदाई कर अपना उल्लु तो सीधा कर लेते है।मगर पोखरी का रिचार्ज व जल भराई भगवान भरोसे छोड़ दिया जाता है।
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