सरताज खान
गाजियाबाद। लोनी बुधवार के दिन भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की तेरहवीं पर उनकी आत्मा की शांति के लिए पंडितों द्वारा हवन यज्ञ संपन्न कराया गया। इस दौरान वहां उपस्थित लोगों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए उन्हें अपनी श्रद्धांजलि प्रदान की। तत्पश्चात वहां एक भंडारे का आयोजन किया गया जहां सैकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।
इस अवसर पर उक्त धार्मिक कार्यक्रम के आयोजक भाजपा युवा नेता व मानव कल्याणसेवा संस्था अध्यक्ष धर्मेंद्र त्यागी ने कहा कि पूजनीय श्री अटल बिहारी वाजपेई जी एक महान कवि के साथ-साथ भारत के प्रधानमंत्री रहे। जिन्होंने अमेरिका के प्रतिबंध के बाद भी परमाणु परीक्षण कर देशभक्ति के प्रति अपनी इच्छा शक्ति का लोहा मनवाया था। उन्होंने प्रधानमंत्री रहते सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, वह सबको साथ लेकर चले। यहां तक कि विपक्षीदल भी अटलजी की सकशियत को मानते थे। जिनकी कर्मठता के चलते पाकिस्तान को भी कारगिल युद्ध में हराकर उसे मुंह तोड़ जवाब दिया गया।
इस तरह हिंदुस्तान के एक युग का अंत हो गया। जिसकी कभी भरपाई नहीं हो सकती। जिनकी एक पंक्ति “मै जी भर जीया मोत से कया डरू, जी भर मरू लोटकर फिर आऊँगा” हिंदुस्तान उनके जीवन को अपने दिल में हमेशा याद रखेंगा।
श्रद्धांजलि-यज्ञ के दौरान वहां मुख्य रूप से उपस्थित शिवकुमार मित्तल, गोरीशंकर पांडेय, शिवकुमार वशिष्ठ, सतीशशर्मा, कृष्णकुमार, मोहित यादव, बिटटू त्यागी, शलनी त्यागी, सुंदर सैन, मोनूमुंडे, राजीव व राकेशकुमार आदि ने यज्ञ के दौरान घी, सामग्री की आहुति देते हुए धर्म लाभ उठाया।
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