हरिशंकर सोनी
सुलतानपुर। किशोरी के अपहरण मामले में पुलिस की लचर विवेचना के चलते सवा दो महीने के बाद भी पीड़िता की बरामदगी नहीं हो सकी है,वहीं मुकदमें में सुलह के लिए पीड़ित पक्ष पर दबाव भी बन रहा है। मामले में लचर विवेचना पर कड़ा रुख अपनाते हुए सीजेएम ने विवेचक से जवाब-तलब किया है।
मामला लंभुआ थाना क्षेत्र के गोथुआ जागीपुर-गोपालपुर गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले आसमान सुत रामपाल व उसके चार अज्ञात साथियों के खिलाफ अभियोगी ने बीते 15 जुलाई की घटना बताते हुए अपनी 16 वर्षीय पुत्री के अपहरण का आरोप लगाया है। पुलिस ने इस मामले में पहले तो पीड़ित की तहरीर पर एफआईआर ही नहीं दर्ज की,बाद में कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज हुआ तो अब विवेचना में लापरवाही कर आरोपियों को संरक्षण दिया जा रहा है। अपहृत किशोरी के पिता के मुताबिक उसे सुलह के लिए धमकी भी मिल रही है। मामले में अभियोगी ने अपने अधिवक्ता इंदल यादव के माध्यम से कोर्ट में मानीटरिंग अर्जी दी है। सीजेएम आशारानी सिंह ने अभियोजन की मांग पर मामले में संज्ञान लेते हुए अब तक की हुई विवेचना के बावत विवेचक से जवाब तलब किया है।
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