फारूक हुसैन
पलिया कलां (लखीमपुर): पलिया सरकारी अस्पताल में संविदा पर तैनात डा. शिल्पी की आज तक किसी मरीज ने शिकायत नहीं की। बावजूद इसके उनके खिलाफ एनआरएचएम के निदेशक ने कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया, यह कहकर वे अस्पताल आने वाले मरीजों को सीधे भीरा के एक प्राइवेट हास्प्टिल रेफर कर देती हैं। इतना ही नहीं खुद सीएचसी अधीक्षक एसके चौधरी का कहना है कि आज तक स्थानीय स्तर पर डा. शिल्पी के खिलाफ कोई शिकायत नहीं हुई। उनके खिलाफ जो आरोप लग रहे हैं उसका कोई सबूत, वीडियो, आडियो, लिखित नहीं मिला है, ऐसे में उनकी संविदा समाप्त करने का सवाल ही पैदा नहीं होता। यह डा. शिल्पी और पलिया वासियों की जीत है। क्योंकि डा. शिल्पी को यहां से हटाने का खेल कुछ लोगों ने रचा था जिनको मुंह की खानी पड़ी है, हालांकि अभी भी वे अपनी साजिशों से बाज नहीं आ रहे हैं।
क्या है मामला
पलिया सीएचसी की संविदा चिकित्सक डा. शिल्पी के खिलाफ एनएचआरएम निदेशक ने एक नोटिस जारी किया था। यह नोटिस शुरू से ही सवालों के घेरे में रहा। जिसमें कहा गया था कि महिला चिकित्सक के खिलाफ शिकायत हुई, जिसकी जांच एलआईयू इंस्पेक्टर ने की और शिकायत सही पाई गई, ऐसे में उनकी संविदा समाप्त करने की तैयारी हो रही थी। सवाल ये था कि आखिर किसी चिकित्सक के खिलाफ हुई शिकायत की जांच विभागीय स्तर से न कराकर एलआईयू से क्यों करवाई गई, दूसरा यह नोटिस सोशल नेटवर्किंग साइर्ट्स पर क्यों वायरल किया गया, ये कुछ सवाल थे जो यह बताने को काफी हैं कि षड्यत्र रचकर डा. शिल्पी की संविदा खत्म करने की कोशिश की जा रही थी। मामला उठा और पलिया के लोगो ने भी जब आवाज बुलंद की तो अब स्थिति बदलती नजर आ रही है।
समाजसेवी रवि गुप्ता ने भी किया समर्थन
इस मामले को लेकर समाजसेवी रवि गुप्ता ने भी मंगलवार को अस्पताल पहुंचकर डा. शिल्पी से मुलाकात की और पूरा प्रकरण जाना। अस्पताल में ही आशाएं, नर्स व तमाम महिला मरीजों ने डा. शिल्पी का बचाव किया और कहा कि अगर वे यहां से हटाई जाती हैं तो यह पलिया की महिलाओं के लिए बेहद दुखद होगा। रवि गुप्ता ने कहा कि वे भी इसी पक्ष में है कि डा. शिल्पी पलिया अस्पताल में बनी रहीं, अगर उनके खिलाफ षड्यंत्र रचा जा रहा है तो उसका मुकाबला हम सब मिलकर करेंगे।
जिम्मेदार की सुनिए:-
डा. शिल्पी यहां संविदा पर तैनात हैं और ड््यूटी के बाद वे एक प्राइवेट अस्पताल में बैठती हैं, लेकिन आज तक उनके खिलाफ किसी ने कोई शिकायत नहीं की, उन पर आरोप लग रहे हैं कि वे मरीजों को प्राइवेट अस्पताल बुलाती हैं लेकिन इसका कोई सबूत, रिकार्डिंग, शिकायत आदि नहीं है। ऐसे में उनकी सेवाएं स्थानीय स्तर पर समाप्त करना सम्भव नहीं। हां एनआरएचएम के निदेशक ने जरूर कारण बताओ नोटिस जारी किया है, वे जवाब दे देंगी तो मामला खत्म हो जाएगा।
एसके चौधरी, अधीक्षक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पलिया कलां
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