नवीन वैष्णव
अजमेर. राजस्थान में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता लग गई है। आचार संहिता में भी अजमेर के स्वास्थ्य विभाग में बीसीएमओ स्तर के अधिकारी भी बदले जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से मंगलवार को आदेश जारी कर बीसीएमओ का सम्पूर्ण चार्ज अन्य चिकित्साधिकारी को सौंपा गया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ के के सोनी ने मंगलवार 16 अक्टूबर को श्रीनगर के ब्लॉक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी का चार्ज डॉ अशोक कालरा से लेकर डॉ प्रफुल्ल को सौंपने के आदेश जारी किए। यह आदेश आचार संहिता में जारी किए जाने से स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसे आचार संहिता का उल्लंघन ही कहा जाएगा कि जब सभी पद बदलने पर निर्वाचन की ओर से रोक लगाई है, ऐसे समय में पदभार क्यों दुसरे चिकित्साधिकारी को सौंपा गया। खास बात यह भी है कि जिला कलक्टर व निर्वाचन अधिकारी को भी इस आदेश को जारी करने से पहले अवगत तक नहीं करवाया गया।
नियमों के तहत है
सीएमएचओ डॉ के के सोनी ने कहा कि आचार संहिता लगी हुई है लेकिन उन्होंने कोई तबादला नहीं किया है। पूर्व में बीसीएमओ का पद रिक्त था जो गगवाना सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सा अधिकारी डॉ अशोक कालरा को अतिरिक्त चार्ज दे रखा था। गगवाना भेजकर फाईलें हस्ताक्षर करवानी पडती थी। इससे परेशानी होती थी, इसलिए यह चार्ज श्रीनगर के ही चिकित्साधिकारी डॉ प्रफुल्ल को सौंप दिया है। उन्होंने भी माना कि जिला कलक्टर को इससे अवगत नहीं करवाया गया।
जांच के बाद कुछ कहना संभव
जिला कलक्टर आरती डोगरा से जब उक्त आदेश के संबंध में जानकारी चाही गई तो उन्होंने कहा कि ऐसे किसी भी आदेश की उन्हें जानकारी नहीं है। आज कार्यालय का अवकाश था तो जांच की प्रक्रिया नहीं हो सकी। गुरूवार को जांच की जाएगी और यदि खामी मिलती है तो नियमानुसार कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी।
ये आदेश हुए थे जारी
निर्वाचन विभाग की ओर से मुख्य निर्वाचन अधिकारी आनंद कुमार ने आचार संहिता लगने के बाद यह आदेश जारी किए थे कि कोई भी तबादला नहीं होगा और यदि किसी का तबादला हो गया और उसने कार्यभार ग्रहण नहीं किया तो वह दुसरे स्थान पर पदभार ग्रहण भी नहीं करेगा। वहीं बुधवार को जिला कलक्टर आरती डोगरा ने मुख्यालय छोड़ने या कार्यमुक्त होने पर भी प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए हैं। यदि किसी को विशेष परिस्थिति में छोड़ना पड़े तो स्वीकृति जिला मुख्यालय पर जिला कलक्टर और उपखण्ड मुख्यालय पर उपखण्ड अधिकारी ही प्रदान करेंगे अन्य किसी के पास यह अधिकार नहीं रहेगा।
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