नूर आलम वारसी
बहराइच भीड़ तंत्र कितना रौद्र रूप ले सकता है इतिहास में पहली बार अब अहसास होने लगा है. इस भीड़ तंत्र के सामने शासन प्रशासन खुद को बेबस महसूस कर रहा है. भीड़ आज इंसानियत पर हावी हो चुकी है. इसका जीता जागता रौद्र रूप आज बहराइच के क्षेत्राधिकारी के दफ्तर के पास देखने को मिला जहा पुलिस चौकी और क्षेत्राधिकारी दफ्तर के चंद कदम के फासलों पर ही भीड़ तंत्र ने ले दना दन दे दना दन एक युवक को कूट दिया और वजह थी की युवक पर दुकान से चोरी करने का शक मात्र था. सिर्फ इसी शक के बिना पर भीड़ तंत्र बेकाबू था. वह तो भला हो पुलिस वालो का कि देर ही सही मगर दुरुस्त आते हुवे उन्होंने उस युवक को बचा लिया.
भीड़ ने युवक को पकड़ उसकी धुनाई शुरू कर दी वहीं युवक की तलाशी ली गयी तो उसके पास पैसे नहीं निकले इसके बाद एकत्रित हूई भीड़ ने रौद्र रूप धारण कर लिया और बीच सड़क पर ही युवक की बेरहमी से पिटाई शुरू हो गयी। पुलिस चौकी और सीओ आफिस से महेज़ चंद कदमों की दूरी पर यह सब कुछ तकरीबन आधे घण्टे तक चलता रहा लेकिन घटना स्थल पर तत्काल पहुंचने का दावा करने वाली सभराज पुलिस को इसकी शायद भनक तक नहीं लगी। वहीं भीड़ का उग्र रूप देख जब पुलिस को इसकी सूचना दी गयी तो बॉलीवुड फिल्मों की पुलिस को 150 मीटर का फासला तय करने में हमारी चुस्त दुरुस्त और अपराधियों की धर पकड़ के लिये तत्पर सभराज पुलिस को 15 मिनट लग गये। जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस युवक को लेकर अपने साथ चली गयी जिससे युवक की जान बच सकी। सवाल यह उठता है जब जिला मुख्यालय पर पुलिस चौकी और सीओ कार्यालय के बाहर एक युवक की आधा घण्टे तक हो रही पिटाई को रोक पाने में हमारी मुस्तैद पुलिस नाकाम रही तो जिले के दूर-दराज इलाकों का हाल क्या होगा इसका अंदाज़ा आप खुद ही लगा सकते हैं। जब मुख्य चौराहों पर ऐसी घटनाएं घट रही हैं तो फिर पुलिसिया गश्तों के दावों की असल हकीकत क्या है इसका अंदाज़ा आप स्वयं लगा सकते हैं।
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