शाहरुख़ खान
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस में पहली बार विरोध की चिंगारी फूटी है. उच्च पदस्त अधिकारियो द्वारा लाख प्रयास के बावजूद भी विरोध की चिंगारी बुझती नहीं दिखाई दे रही है बल्कि हलकी हल्की अन्दर अन्दर सुलगती दिखाई दे रही है और इस चिंगारी को सोशल मीडिया के माध्यम से हवा भी मिल रही है. उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह की तमाम कोशिशों के बावजूद पुलिस महकमे में फैला असंतोष थमने का नाम नहीं ले रहा है। जानकारी के अनुसार यूपी पुलिस के सिपाही 10 अक्टूबर को एक बार फिर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी में जुटे हैं। क्योंकि सोशल मीडिया पर आज कल एक मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमे पुलिसकर्मियों से अपील की गई है कि वो ड्यूटी पर रहेंगे लेकिन काम नहीं करेंगे।
सोशल मीडिया पर यह मैसेज वायरल होते ही उच्चअधिकारियों के कान खड़े हो गए हैं। मेरठ जोन के एसली इंटेलीजेंस की तरफ से तीन जिलों अधिकारीरियों को अलर्ट कर उनस इस संबंध में रिपोर्ट मांगी गई है। इंटेलीजेंस की रिपोर्ट के आधार पर डीजीपी मुख्यालय ने भी इस विरोध को लेकर सभी जिलों को अलर्ट जारी कर दिया है। हालांकि अभी तक विरोध की ये आवाज सोशल मीडिया तक ही है, किसी ने आधिकारिक ऐलान नहीं किया है। वहीं काली पट्टी बाधने के आरोप में गाजीपुर में दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है।
क्या लिखा है मैसेज में
सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहे मैसेज में लिखा है कि मेरा पूरे पुलिस विभाग से कहना है कि अभी नहीं तो कभी नही। लंबी बातों से कुछ नहीं होगा। अब कुछ करना होगा। 10 अक्टूबर को पूरे प्रदेश की पुलिस एक साथ काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराते हुए ड्यूटी करेगी। आप चौराहे पर रहेंगे लेकिन आपको ट्रैफिक कंट्रोल नहीं करना है। आप थाने पर रहेंगे पर कही क्राइम होने पर नहीं जाना है। एक दिन दोस्तों सिर्फ एक दिन कर के देखा अपनी ताकत का अंदाजा खुद लगा कर देखों आज से ही सभी भाई काली पट्टी की व्यवस्था कर ले मेरी बात उचित लगे तो सभी ग्रुप में फारवर्ड करना शुरू करिए। आप अंदाजा नहीं लगा सकते अगर आप ने कर लिया है तो आने वाला कल आपका नहीं तो हर जगह मार खाते रहो।
आखिर क्यों और किस बात का है विरोध
दरअसल पुलिसकर्मियों खासकर सिपाहियों में यह विरोध लखनऊ के गोमती नगर में हुए एप्पल के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी के हत्याकांड में आरोपी कॉन्स्टेबल प्रशांत चौधरी और संदीप की गिरफ्तारी को लेकर के हैं। विरोध करने वाले सिपाहियों का कहना है कि इस मामले में उनके सहयोगियों के साथ गलत रवैया अपनाया गया है। विवेक तिवार मर्डर के मामले में आरोपी कॉन्टेबल प्रशांत और सदीप की गिरफ्तारी के विरोध करने बर्खात्त सिपाही बृजेंद्र यादव को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद विरोध की ये चिंगारी और तेजी से बढ़ने लगी है।
नज़र रखे है पुलिस अधिकारी
इस मैसेज के वायरल होते ही पुलिस अधिकारियो के कान चौकन्ना हो गये है और पुलिस अधिकारी सिपाहियों पर ख़ास तौर पर नज़र रखे है. इस काम के लिये एलआईयु से भी इनपुट लिये जाने की अपुष्ट सुचना मिल रही है. अब देखना होगा कि किस प्रकार पुलिस विभाग अपने यहाँ उठ रही इस विरोध की अग्नि को शांत करता है.
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