डॉ आसिफ
बरेली : ऑल इंडिया तंजीम उलमा-ए-इस्लाम ने उर्से रजवी के मौके पर बड़ा एलान किया। तंजीम ने देश के मुसलमानों से अपील की है कि वे सत्ताधारी भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बिल्कुल भी विरोध-प्रदर्शन न करें, ताकि देश की एकता और अखंडता बनी रहे। इससे अल्पसंख्यक और बहुसंख्यकों के रिश्ते मधुर होंगे। यही देशहित में है। उलमा ने यह भी कहा कि अयोध्या का विवादित ढांचा प्रकरण अदालत में विचाराधीन है। इस पर बयानबाजी नहीं होनी चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय का जो भी फैसला होगा, वो हमें मंजूर है।
इंटरनेशनल ऑग्रेनाइजेशन फॉर माइग्रेशन की रिपोर्ट का हवाला देते हुए भारत में मौजूद करीब दस लाख रो¨हग्या मुसलमानों को यहीं बसाने की मांग की। तंजीम उलमा-ए-इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि आजादी के बाद से मुसलमानों के हालात सुधारने को लेकर गंभीरता से प्रयास नहीं हुए हैं। यह एजेंडा राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। इसके बाद विभिन्न प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को भी सौंपेंगे। ताकि मुसलमानों की तरक्की के लिए कोई रास्ता निकाला जाए।
मुस्लिम एजेंडे की प्रमुख मांगें
बैठक में ये रहे मौजूद :-
मुफ्ती आफाक हुसैन कादरी (दिल्ली), मौलाना सईद नूरी (मुंबई), मौलाना सखी खां राठौर (जम्मू कश्मीर), खलीलउर रहमान (महाराष्ट्र), मौलाना असलम रजवी (गुजरात), कारी सगीर अहमद रजवी (दिल्ली), मौलाना भोख नौफल नूरानी (केरला), प्रोफेसर हलीम खां (मध्यप्रदेश), मौलाना अकबर अली फारुखी (रायपुर), मौलाना इंकलाब नूरी, नाजिम बेग, मौलाना अब्दुल जलील नियाजी, मुफ्ती बिलाल (रामपुर) आदि मौजूद रहे।
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