आदिल अहमद
उन्नाव- वैसे तो केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक स्वच्छ भारत अभियान चला रही है और अधिकारी भी इस अभियान के तहत खूब कागजों और तस्वीरों में सरकार के सामने अपने नम्बर बढ़ाने में लगातार कामयाब रहते हैं काहे से मोदी जी और योगी जी तो गली-गली देखने जाते नही और जनता भी बेचारी सरकार तक नही पहुंच पाती तो साहेब लोग जितने चाहे अपने नम्बर बढ़ा लेते हैं फिर खुद ही लोग अपनी पीठ भी थपथपा लेते हैं। मगर का साहेब ज़मीनी हकीकत आप भी जानते है।
अब सवाल यह उठता है कि इस काशीराम कालोनी को मायावती सरकार ने बनाया और इस योजना से लाखों गरीबों को अपनी छत मिली थी और उसके बाद माया के शासन काल खत्म होने के बाद से तमाम काशीराम कॉलोनियों के हाल बेहाल हैं। क्या इस कालोनी में इंसान नही रहते है ? क्या इस कालोनी के वासियों को स्वछता नही चाहिये होती है? क्या स्वच्छ भारत अभियान इस कालोनी में नहीं लागू है? आखिर यहाँ की जनता कब तक यूँही रहेगी बेहाल? आखिर गन्दगी से बीमार हुए लोगों की कौन लेगा जिम्मेदारी?
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