अनिला आज़मी/ करिश्मा अग्रवाल
नई दिल्ली: भाजपा के लिये बार बार उसके खुद के मंत्री ही मुसीबते खडी कर रहे है। इस क्रम में इस बार नितिन गडकरी ने बयान देकर भाजपा की हार के लिये इशारों इशारों में पार्टी हाईकमान को ज़िम्मेदार ठहरा दिया है। केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी के एक बयान में कहा कि अगर मैं पार्टी का अध्यक्ष हूं और मेरे विधायक या सांसद अच्छा नहीं करते तो उसके लिए कौन ज़िम्मेदार है। गडकरी के इस बयान को अप्रत्यक्ष तौर पर भारतीय जनता पार्टी आलाकमान के नेतृत्व पर निशाना माना जा रहा है। नितिन गडकरी ने इससे पहले भी एक और बयान दिया था, जिसमें कहा था कि नेतृत्व को हार और विफलता की भी जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए। इशारों-इशारों में गडकरी ने कहा था कि कोई भी सफलता की तरह विफलता की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता है।
गडकरी ने कहा था, ‘सफलता के कई पिता हैं, लेकिन विफलता अनाथ है। जब भी सफलता मिलती है को उसका श्रेय लूटने की होड़ मच जाती है, लेकिन जब विफलता होती है तो हर कोई एक दूसरे पर उंगली उठाना शुरू कर देता है।’ गडकरी ने यह बयान पुणे जिला शहरी सहकारी बैंक एसोसिएशन लिमिटेड द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में दिया था।
हालांकि, बाद में गडकरी ने इस बयान को लेकर सफाई दी और मीडिया पर उनके द्वारा पुणे में एक कार्यक्रम में की गई टिप्पणी को ‘तोड़ मरोड़कर’ पेश करने का आरोप भी लगाया। गडकरी ने कहा कि भाजपा 2019 का लोकसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लड़ेगी। गडकरी ने स्पष्ट किया कि वह किसी ‘दौड़’ या ‘प्रतिस्पर्धा’ में नहीं हैं और भाजपा को अगले आम चुनाव में ‘उचित’ बहुमत मिलेगा। गडकरी का यह बयान शनिवार की उनकी उस टिप्पणी की पृष्ठभूमि में आया था, जिसमें उन्होंने कथित रूप से कहा था कि ‘नेतृत्व को हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।’
गडकरी की यह कथित टिप्पणी हाल में सम्पन्न मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा चुनाव के बाद आयी थी। गडकरी ने रविवार को मीडिया से कहा था कि उनकी टिप्पणी का कोई राजनीतिक मकसद नहीं था। उन्होंने दावा किया कि मीडिया के एक वर्ग ने उनकी ओर से की गई टिप्पणी को ‘तोड़ मरोड़कर पेश किया’। उन्होंने कहा, ‘मराठी में दिया मेरा पूरा भाषण उपलब्ध है। मैंने जो कुछ भी कहा वह बैंकिंग के संदर्भ में था और मैंने न तो किसी चुनाव या न ही किसी नेता के बारे में कोई उल्लेख किया। दुर्भाग्य से मीडिया के एक वर्ग ने मेरे बयान को वर्तमान चुनावी राजनीति से जोड़कर और अपनी खुद की टिप्पणी जोड़कर उसे तोड़ मरोड़कर पेश किया।’
उन्होंने कहा कि यदि पत्रकारों का अपना खुद का एजेंडा हो तो वे अपने नाम से लिखने के लिए मुक्त हैं। उन्होंने कहा, ‘लेकिन जो चीज मैंने नहीं कही उसे मेरे बयान से जोड़ना अच्छी बात नहीं है।’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वह किसी ‘दौड़’ या ‘प्रतिस्पर्धा’ में नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘यह बहुत स्पष्ट है कि भाजपा 2019 आमचुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लड़ेगी और पार्टी को उचित बहुमत मिलेगा।’ इससे पहले दिन में गडकरी ने ट्विटर पर यह दावा किया कि कुछ विपक्षी दल और मीडिया के एक वर्ग ने उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा था, ‘पिछले कुछ दिनों में मैंने गौर किया है कि मेरी पार्टी और मुझे नुकसान पहुंचाने के लिए कुछ विपक्षी दल और मीडिया के एक वर्ग की ओर से मेरे बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश करने का अभियान चलाया जा रहा है और उसे संदर्भ से अलग इस्तेमाल किया जा रहा है तथा राजनीति से प्रेरित निष्कर्ष निकाले जा रहे हैं। मैं एक बार फिर स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मेरे और भाजपा नेतृत्व के बीच दरार पैदा करने की साजिश कभी सफल नहीं होगी।’
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