तारिक़ खान
प्रयागराज। योगी सरकार की पहली 41 हजार सहायक अध्यापक भर्ती पर शासन शुरू से गंभीर दिखा लेकिन, बेसिक शिक्षा अधिकारियों की कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं है। यही वजह है कि जो कार्य अब तक पूरे हो जाने चाहिए, वे निर्देशों के बाद भी अधूरे हैं। नियमानुसार शिक्षकों की सेवा पुस्तिका ज्वाइन होने के एक माह में निर्गत करने का प्रावधान है, यह सर्विस बुक कुछ जिलों को छोड़कर अधिकांश में बनना शुरू नहीं हुई है। इससे नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों को यह अहसास ही नहीं हो रहा है कि वे नियुक्ति पा चुके हैं।
शिक्षकों की मानें तो इस बार ज्यादातर चयनितों को दूसरे जिलों में ही तैनाती मिली है। तीन माह से उन्हें एक पैसे का भुगतान नहीं हुआ है, इससे वे सभी परेशान हैं। किसी तरह उधार लेकर या फिर परिजनों से पैसा मांगकर वे काम चला रहे हैं। शिक्षक कहते हैं कि जिस तरह से अभिलेख सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है, उसमें छह माह में भी सत्यापन पूरा नहीं होगा। तमाम जिलों में बीएसए को शिक्षकों ने ज्ञापन सौंपा है, इस पर उनका जवाब है कि ‘क्या वे विश्वविद्यालयों का चक्कर लगाएंगे। अब यही काम बचा है। शिक्षक कहते हैं कि सेवा पुस्तिका तो खंड शिक्षा अधिकारी स्तर से तैयार कराई जा सकती है लेकिन, उस पर भी विभाग गंभीर नहीं है।
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