अंजनी रॉय
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के रविवार को दिए एक बयान ने सियासत की गलियों में खलबली मचा दी है। मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा, ”सपने दिखाने वाले नेता लोगों को अच्छे लगते हैं, पर दिखाए हुए सपने अगर पूरे नहीं किए तो जनता उनकी पिटाई भी करती है, इसलिए सपने वही दिखाओ जो पूरे हो सकें। मैं सपने दिखाने वाले में से नहीं हूं। मैं जो बोलता हूं वो 100 फीसदी डंके की चोट पर पूरा होता है।”उनके इस बयान ने सियासत का पारा चढ़ा दिया है।
उनके इस बयान पर निशाना साधते हुए एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, वह पीएम मोदी को आईना दिखा रहे हैं.।जैसे ही गडकरी का ये बयान सामने आया, सभी ने अपने अपने ढंग से इसे परिभाषित करना शुरू कर दिया। इससे पहले अच्छे दिनों पर उनके बयान पार्टी के लिए बड़ी मुसीबत बन चुके हैं। इससे पहले राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार के बाद पार्टी के बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष गडकरी ने यह बयान देकर विवाद पैदा कर दिया था कि पार्टी के नेतृत्व को हार और असफलताओं को स्वीकार करना चाहिए।
जहां उन्होंने इस बयान की गलत व्याख्या करने और गलत तरीके से लिखने का दावा किया, कई लोगों ने ये बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के लिए माना। इसके बाद मोदी के स्थान पर गडकरी को लाने की मांग होने लगी।
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