तारिक खान
प्रयागराज. कोई इलाहबाद कहे चाहे प्रयागराज कहे मगर संस्कृति तो अमनो आमान के साथ सांझी ही थी, है और रहेगी. जितना चाहे तकसीम कर लो, मगर बटने वाले तो नही है हम भारतीय. इस शहर में एक बार फिर सांझी संस्कृति की झलक उस समय देखने को मिली जब कुम्भ स्नान के लिए आये श्रद्धालुओं का स्वागत इलाहाबाद स्टेशन स्थित बड़ी मस्जिद पर जुटे मुस्लिम नमाजियों ने पुष्प वर्षा करके किया।
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