अंजनी राय
बलिया: कोषागार के बगल में करोडों की लागत से बन रहे बहुउद्देशीय सभागार का निरीक्षण जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत ने गुरुवार को किया। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि 15 फरवरी तक सभी कार्य पूरे हो जाने चाहिए। इसके लिए पर्याप्त धनराशि कार्यदायी संस्था को मिल चुकी है। चेतावनी दी कि अब कार्य में देरी हुई तो इसके जिम्मेदार इंजीनियर बचेंगे नहीं।
जिलाधिकारी ने ऑडिटोरियम हाल, किचन, शौचालय, डाइनिंग हॉल समेत हर हिस्से में जाकर देखा। निर्देश दिया कि सभागार में विद्युत सुरक्षा के पर्याप्त उपाय होने चाहिए। इसके लिए वाराणसी से विद्युत सुरक्षा की एक टीम बुला कर जांच करा ली जाए। ऊपर लगे कुछ पैनल बहुत पहले से लगे होने के कारण पुराने दिख रहे हैं, उन्हें बदलवाने के निर्देश दिए। इस बात पर भी जोर देकर कहा कि एक हजार लोगों को इमरजेंसी की स्थिति में निकालने के लिए पर्याप्त उपाय होने चाहिए। सभागार क्षमता के हिसाब से पर्याप्त शौचालय तो नहीं हैं, लेकिन जो हैं उन्हीं को बेहतर तरीके से बनाने के निर्देश दिए।
काफी प्रयास के बाद मिला धन, इस बार अधूरा रहा तो खैर नहीं
जिलाधिकारी ने साफ किया कि काफी प्रयास के बाद निर्माण कार्य पूरा करने के लिए सरकार से बजट मिले हैं। इसलिए कार्य में अब किसी प्रकार की देरी नहीं होनी चाहिए। इस बार अगर कोई भी कार्य अधूरा रह गया तो जिम्मेदार इंजीनियरों की खैर नहीं है। उल्लेखनीय है कि कभी बजट के अभाव में तो कभी कार्यदायी संस्था की लापरवाही से निर्माण में काफी विलंब हो चुका है।
क्यों हुई देरी, इसकी भी होगी जांच
जिलाधिकारी ने कहा कि निर्माण में देरी होने की वजह से इसकी लागत में भी काफी अंतर आया। इसमें किसकी भूमिका रही, इसकी भी जांच होगी। यह देखा जाएगा कि कार्यदायी संस्था को जब-जब धनराशि दी गई, उसका उपयोग कितने दिन में किया गया। इस प्रकरण में एक-एक बिंदु पर जांच होगी। हालाकिं यह भी कहा कि कई बार शासन से प्रथम किस्त मिलने के बाद द्वितीय किस्त में जो देरी होती है उसकी वजह से कभी कभार निर्माण में विलंब होता है। लेकिन यह स्पष्ट किया कि अगर कार्यदायी संस्था को धन देने के बाद निर्माण कार्य में अनावश्यक विलंब पाया गया तो निश्चित रूप से कुछ कार्रवाई की जाएगी।
14 वर्ष बाद पूरा होगा निर्माण कार्य
जनपद की बड़ी परियोजनाओं में एक इस बहुउद्देशीय सभागार का निर्माण कार्य 14 वर्ष पहले शुरू हुआ था। बीच-बीच में कभी तेजी से काम हुआ तो कभी एकदम ठप सा हो गया था। इस प्रकार निर्माण कार्य पूरा होने का जो समय था वह भी बीतता गया और इसकी लागत भी बढ़ती गई। जिलाधिकारी के विशेष प्रयास से अब शासन द्वारा सीधे कार्यदायी संस्था को धनराशि मिली है। निर्माण कार्य पूरा कराने के लिए जिलाधिकारी भी गंभीर हैं। सब कुछ ठीक रहा तो फरवरी महीने तक यह पूरी तरह तैयार हो जाएगा।
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