प्रदीप दुबे विक्की
ज्ञानपुर(भदोही) जनपद के एकमात्र ज्ञानपुर जिला चिकित्सालय के पोस्टमार्टम हाउस की इन दिनों स्थिति दयनीय होती जा रही है । जर्जर होने के कारण जिला चिकित्सालय चेत सिंह के पोस्टमार्टम हाउस की स्थिति दयनीय होने के कारण शव के साथ आए परिजनों व ड्यूटीरत पुलिसकर्मियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सालों से बनी इमारत अब गिरने के कगार पर पहुंच रही है तो वहीं इसके अंदर दी जाने वाली सुविधाओं महज कागजों में ही दर्ज है। धरातलीय आधार पर हकीकत कुछ और ही है।
असुविधाएं तो है ही इसके अलावा हालात ऐसे बने हैं कि यहां काम करने वाले और यहां से गुजरने वाले लोग भी परेशानी झेल रहे हैं। पोस्टमार्टम के लिए अगर दो से तीन डेड बॉडी जाएं तो उन्हें रखने के लिए भी जगह नहीं है और तो और शवगृह में विद्युत व्यवस्था न होने के कारण चिकित्सकों को पोस्टमार्टम में तमाम कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।सबसे हास्यास्पद है कि पुरातत्वविभाग के नियमानुसार मर्चरी हाउस के आसपास 100 मीटर की दूरी तक किसी भी तरह की नई कंस्ट्रक्शन नहीं हो सकती है। वहीं 100 से 200 मीटर की दूरी में कंस्ट्रक्शन करने के लिए अप्लाई करना पड़ता है, इस पर पुरातत्व विभाग के स्वीकृति देेने पर ही भवन निर्माण किया जा सकता है। जबकि लोगों ने नियमों को ताक पर रखकर भी भवन निर्माण कर रखे हैं ।
पोस्टमार्टम हाउस के दरवाजे लगभग सड़ने के कगार पर हैं ।बॉडी रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा भेजे गए फ्रीजर को जिला चिकित्सालय में कहीं एक ओर कोने में रख दिया गया है । शवगृह में में एयर कंडीशन मशीन भी नहीं लगी है । पोस्टमार्टम के दौरान बारिश होने के लिए पानी की भी कोई व्यवस्था आज तक नहीं हो सकी है। पोस्टमार्टम के दौरान उपयोग किए जाने वाले औजारों को स्टरलाइज करने के लिए कोई पुख्ता सुविधा नहीं दी गई है ।वही जिस स्थान या मशीन पर डेड बॉडी रखकर पोस्टमार्टम किया जाता है। वह भी दुरुस्त नहीं दिखाई दे रही है नियमानुसार शवगृह का तापमान हमेशा इस तरह मेंटेन रखना चाहिए ताकि डेड बॉडी सड़ने के हालात न बने।इसलिए सबसे पहले शव गृह में फ्रीजर रखें जांय। पोस्टमार्टम शुरू होने से लेकर खत्म होने तक प्रयोग में होने वाले सभी तरह के जरूरत के सामान हर वक्त उपलब्ध होना चाहिए । पानी की सप्लाई प्रेशर वाली हो ताकि शव गृह में गंदगी ना फैले और बॉडी पूरी तरह से साफ हो जाए । मास्क, गाउन, जूते, दस्ताने पहने बिना पोस्टमार्टम किया जाए। बिजली पानी की व्यवस्था भी पूरी होनी चाहिए। क्योंकि औजारों का स्टरलाइज किए बिना दस्ताना ,मास्क, गाउन, जूते पहने बिना पोस्टमार्टम करने से इंफेक्शन हो सकता है । इसके अलावा डेड बॉडी सड़ने ने पर भी बीमारी फैल सकती है ।शवगृह में जमे झाड़ियों को साफ सुथरा नहीं कराया गया तो शव के पास जहरीले जानवर भी जा सकते हैं ।
इसके अलावा मृतक के साथ आए कुछ परिजनों की शिकायतें हैं कि शव के साथ-साथ पुलिस की भी ड्यूटी रहती है । और बॉडी ज्यादा आ जाने पर पोस्टमार्टम में कई कई घंटे लग जाते हैं । तब तक लोग बाहर खुले आसमान में खड़े रहते हैं। ऐसे में धूप और बारिश से बचाव नहीं हो पाता । साथ ही गंदगी बाहर बहने से दुर्गंध फैलती है जिससे वहां खड़ा रहना दुश्वार हो जाता है।लोगों ने जिला प्रशासन का इस ओर ध्यान आकृष्ट कराया है।
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