आदिल अहमद : आफ़ताब फ़ारूक़ी
इस्लामी गणतंत्र ईरान भारत में चेन्नई पेट्रोकेमिकल कंपनी की रिफाइनरी के विस्तार के लिए 218 मिलियन डॉलर का निवेश करेगा।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़ ईरान पर अमेरिका द्वारा लगाए गए एकपक्षीय प्रतिबंधों के बाद से नई दिल्ली और तेहरान के बीच लगातार संबंधों में और अधिक मज़बूती देखने को मिल रही है। इसी परिप्रेक्ष्य ईरान ने घोषणा की है कि वे भारत की रिफाइनरी उद्योग में अपने निवेश को बढ़ाएगा। ईरान की सरकारी तेल कंपनी के प्रमुख ने कहा है कि हम इस प्रतिबद्धता को दोहराते हैं कि वार्षिक 90 लाख टन कच्चा तेल निर्यात करने के लिए भारत के नागापट्टिनम में स्थित रिफाइनरी की क्षमता को 9 गुना तक बढ़ाया जाएगा।
इस बीच जानकारों का मानना है कि भारत की चेन्नई पेट्रोकेमिकल कंपनी में ईरान ऑयल कंपनी का निवेश, निर्यात बाज़ार में ईरान की निरंतर उपस्थिति के लिए एक अच्छा अवसर है।
उल्लेखनीय है कि ईरान, भारत के लिए एक विश्वसनीय व्यापारिक भागीदार देश है। एक ओर जहां ईरान बेहतरीन तरीक़े के साथ अपना तेल निर्यात कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर भारत भी अमेरिकी प्रतिबंधों से छूट पाने के लिए भरपूर प्रयास कर रहा है।
ज्ञात रहे कि अभी हाल ही में भारत ने ईरान को तेल के भुगतान में विदहोल्डिंग टैक्स में छूट देकर एक बहुत बड़ी राहत दी है। चीन के बाद भारत ईरान के तेल का दूसरा सबसे बड़ा ग्राहक है। अमेरिकी प्रतिबंध प्रभावी होने के बाद से ही भारत ने ईरान को रुपये में भुगतान देना शुरू कर दिया है।
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