आदिल अहमद
नई दिल्ली: बसपा प्रमुख मायावती द्वारा राजस्थान और मध्य प्रदेश में समर्थन के लिये कल रखी गई शर्तो पर आज कांग्रेस के तरफ से बयान जारी हुआ है। कांग्रेस प्रवक्ता टॉम वडक्कन ने इस सम्बन्ध में सफाई देते हुवे कहा है कि मायावती ने धमकी नहीं दी है। उन्होंने समझाया है कि दलितों के खिलाफ केसों को लेकर दबाव बनाना जरूरी है। उन्होंने कहा है कि हम दलितों के खिलाफ पहले ही मामलों की समीक्षा कर रहे हैं। कानूनी प्रक्रिया में समय लगता है। समस्या को सुलझा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में जमीनी सच्चाई देखने के बाद सीटों के बंटवारे पर अंतिम फैसला पार्टी नेतृत्व लेगा। यह तो घर की ही बात है।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश और राजस्थान में सरकार बनाने के लिए समर्थन देने के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस के सामने शर्त रख दी है। बसपा की मांग है कि मध्यप्रदेश और राजस्थान की कांग्रेस सरकार 2 अप्रैल को हुए भारत बंद के दौरान दोनों राज्यों में दर्ज मुकदमे वापस ले। बसपा प्रमुख ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो पार्टी दोनों राज्यों की सरकारों को समर्थन पर दोबारा विचार करेगी। उन्होंने कांग्रेस सरकारों को धमकी देते हुए कहा, ‘अगर कांग्रेस की नई सरकारों ने अविलंब उचित कार्रवाई नहीं की तो फिर बसपा को वहां की कांग्रेस सरकारों (मध्यप्रदेश व राजस्थान) को बाहर से समर्थन देने के मामले में पुनर्विचार करना पड़ सकता है।’
मध्यप्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस से सीटों को लेकर बात न बन पाने के बाद बीएसपी विधानसभा चुनावों में अकेले उतरी थी। बसपा को मध्यप्रदेश में दो और राजस्थान में 6 सीटों पर जीत मिली थी। बाद में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत न मिलने की स्थिति में बीएसपी ने दोनों राज्यों में समर्थन देने के ऐलान किया था।
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