अंजनी राय
बलिया : सरकार कहती है एक – एक वोट कीमती है, वोटों की संख्या का आंकलन करनें के लिए तमाम विभागों को बीएलओ के तौर पर नियुक्त करते हुए, उनके असल काम से भी दूर रखा गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं को बनाया जा सके, लेकिन बलिया जनपद में सैकड़ों वोट अब बेकार होने के कगार पर है, वजह यहाँ की जनता नें अपना स्पष्ट जनादेश चुनाव के ठीक पहले ही सुना दिया है, वैसे तो जीवन के लिए सड़क, पानी, सुरक्षा और स्वास्थ बेहद जरुरी होता हैं और इसकी जिम्मेवारी सरकार पर होती है, लेकिन जब जरुरत की यही सुविधाएं और उनकी व्यवस्था ख़राब मिले तो जनता का नाराज होना भी लाज़मी हैं, जी हाँ हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद में जानलेवा सड़कों के (गड्ढे) से परेशान व्यापारी, सामाजिक कार्यकर्ता एवं युवा नेताओं की, जो अब सड़क पर जनता के साथ सैकड़ों की संख्या में धरनें पर बैठ गए है और “रोड नहीं तो वोट नहीं” के पोस्टर और नारे लगा रहे है ! इतना ही नहीं उन्होंने नगर पालिका, सरकार के मंत्री, सांसद और विधायक सबको मुर्दाबाद कहते हुए जमसांसद कर नारे बाजी भी की, इस दौरान सबसे बड़ी बात यह रही की बीच रोड पर धरनें में बैठे धरनाकारियों के ठीक बगल से स्थानीय सांसद भरत सिंह की गाड़ी तो गुजरी, लेकिन उन्होंने दो मिनट के लिए रुकना तक मुनासिब नहीं समझा, इस धरने के आयोजक मुख्य समाजिक कार्यकर्ता अजित मिश्रा ने मीडिया से हुई बातचीत के दौरान बताया कि सड़कें केवल एक व्यक्ति के लिए नहीं होती, बल्कि पूरे समाज के लिए होती है,
इसी सड़क पर सांसद, विधायक, मंत्री और सारे अधिकारी गुजरते हैं, लेकिन ये सड़कें वर्षों से लगातार खराब पड़ी है, हमारे मुख्यमंत्री ने कहा था कि सारी सड़कें गड्ढा मुक्त हो जाएंगी, लेकिन सड़क गड्ढा युक्त बन गई है, इस समस्या का निदान कब होगा यह समझ में नहीं आता है, कितने लोगों के बच्चों की इसी गड्ढा युक्त सड़कों पर रिक्शे व गाड़ी से सफ़र के दौरान गिरकर मौत भी हो गई, लेकिन हद तो तब है जब इस सड़क की शिकायत हम लोगों नें कई अधिकारियों से भी की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है, जब जनता के लिए सड़क नहीं बनेगी, बिजली की समस्या नहीं हल होगी, पानी की समस्या हल नहीं होगी तो, तो 2019 के चुनावों में हम किसी भी पार्टी का साथ नहीं देंगे यानी वोट नहीं देंगे, आयोजकों नें मीडिया से बताया कि आज हमारे धरने का मुख्य उद्देश्य था कि विगत 6 वर्षों से N.C.C. तिराहे से लेकर मिठीही चौराहे तक रास्ते को उखाड़कर शासन द्वारा रखा गया है, हमें नहीं समझ आ रहा है कि 6 वर्षों से यहां की जनता जिसमें कम से कम 100 से अधिक दुकानदार हैं और जिनकी पूरी रोजी-रोटी सुगम आवागमन से जुड़ी है, खराब सड़कों के चलते चौपट हो चुकी है, उनका परिवार कहीं ना कहीं खराब सड़कों की वजह से रोड पर आ गया है, परिवार में भुखमरी की स्थिति है, जब तक यह रोड बन नहीं जाता इनका व्यापार पुनः लौट नहीं सकता, ऐसे में जब राजनेताओं को हमारी फिक्र नहीं है तो हम किसी को वोट क्यों करें ?
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