आदिल अहमद
आजकल कोलंबिया के राष्ट्रपति इवान डोकी बड़ी ख़ुशी मना रहे हैं कि वेनेज़ोएला की सेना के 60 जवान सेना से अलग होकर अमरीका और यूरोप द्वारा समर्थित विद्रोहियों में शामिल हो गए हैं।
इसी तरह की ख़ुशियां तब मनाई गई थीं जब सीरिया के कुछ जनरल, राजदूत और मंत्री संकट की शुरुआत के समय अलग होकर सीरियाई विद्रोहियों से मिल गए थे और इस पर मीडिया में भी बड़ा शोर मचा था। मगर कोलंबिया के राष्ट्रपति यह भूल रहे हैं कि जो सैनिक सेना से निकल कर विद्रोहियों से मिले हैं उनकी हैसियत समुद्र में कुछ बूंदों की हैं। वेनेज़ोएला की सेना में 5 लाख से अधिक सैनिक और कमांडर हैं जिन्होंने स्पष्ट शब्दों में एलान किया है कि वह क़ानूनी राष्ट्रपति निकोलस मादोरो के साथ हैं।
अमरीका के विदेश मंत्री माइक पोम्पेयो ने बयान दिया कि राष्ट्रपति राष्ट्रपति मादोरो बस कुछ ही दिन सत्ता में रह पाएंगे, यही वाक्य पूर्व राष्ट्रपति ओबामा ने सीरिया के राष्ट्रपति बश्शार असद के बारे में कहा था साथ ही कई अरब नेताओं और विदेश मंत्रियों ने भी यही रट लगा रखी थी। कुछ मीडिया संस्थान तो गुप्त रिपोर्टें लीक करने लगे थे कि सीरियाई राष्ट्रपति दमिश्क़ छोड़कर फ़रार हो गए और मास्को पहुंच कर उन्होंने अपने लिए और अपने परिवार के लिए राजनैतिक शरण की मांग की है।
जैसे जैसे वेनेज़ोएला संकट का एक एक दिन गुज़र रहा है देश के क़ानूनी राष्ट्रपति मादोरो की विजय और विद्रोहियों की पराजय निश्चित होती जा रही है। विद्रोही नेता गाइडो को अमरीकी इंटेलीजेन्स ने मोहरे के रूप में प्रयोग किया है। अमरीका उनके माध्यम से काराकास में मादोरो का तख्ता पलटना चाहता था मगर अब एसा लगता है कि गाइडो को ही वेनेज़ोएला से भागकर कोलंबिया में शरण लेनी पड़ेगी और इसके साथ ही अमरीकी ड्रामे का पटाक्षेप हो जाएगा।
अमरीका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने धमकी दी थी कि कोलंबिया और ब्राज़ील की सीमा से सहायता सामग्री भेजी जा रही है यदि राष्ट्रपति मादोरो ने इस सहायता सामग्री का रास्ता रोका तो इसके बहुत ख़तरनाक परिणाम होंगे। उन्होंने सैन्य बल प्रयोग करने का भी इशारा दे दिया था मगर हम देख रहे हैं कि चावल और दूध के पावडर से भरे ट्रक वेनेज़ोएला की सीमा के क़रीब पहुंचने के बाद वापस वहीं लौट रहे हैं जहां से उन्हें भेजा गया था। वेनेज़ोएला के बहुत से सज्जन नागरिकों को ने कुछ ट्रकों को आग लगा दी और कहा कि अमरीका हमें बेवक़ूफ़ न समझे हमें अमरीका की साज़िश का भरपूर तरीक़े से अंदाज़ा है।
वेनेज़ोएला की जनता को न अमरीका सहानुभूति की ज़रूरत है और न ही अमरीकी सहायता की ज़रूरत है उसे बस इस चीज़ की ज़रूरत है कि अमरीका अपनी शैतानी हरकतें बंद करके इस देश की जनता को उसके हाल पर छोड़ दे। यह देश एसा है जिसके पास तेल के बहुत बड़े भंडार हैं और वह अपनी समस्याएं ख़ुद ही हल करने में सक्षम है।
अब्दुल बारी अतवान
उमेश गुप्ता बिल्थरारोड (बलिया): उभांव थाना क्षेत्र के ग्राम कुशहा भाड़ के समीप करीब 4:30…
माही अंसारी वाराणसी: किसी फिल्म का एक खुबसूरत नगमा है कि ‘न धर्म का हो…
आदिल अहमद डेस्क: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कर्नाटक में पांच गारंटियों को लागू करने…
आफताब फारुकी डेस्क: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में गुरुवार को कई विकास परियोजनाएं का उद्घाटन…
आदिल अहमद डेस्क: कांग्रेस पार्टी ने सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर नए आरोप…
आफताब फारुकी डेस्क: लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश के पूर्वी बेका…