तारिक खान
कुंभनगर : कुंभ मेला 2019 के दूसरे शाही और प्रमुख स्नान पर्व मौनी अमावस्या सोमवार यानी चार फरवरी को है। हालांकि स्नानार्थियों की भीड़ अनवरत प्रयाग की धरती पर कदम रख रही है। शनिवार से उमड़ रही भीड़ रविवार को और भी बढ़ती जा रही है। इसे देखकर नए यमुना पुल, शास्त्री ब्रिज के साथ फाफामऊ पुल पर आवागमन वाहनों के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। बड़ी गाडि़यों को पूरी तरह से नहीं जाने दिया जा रहा है। वहीं बाइक से भी निकलने में दिक्कत है। पुराने यमुना पुल पर भी भीड़ है। वाहनों को रोक दिया गया है।
यह देखो आस्था का महासमुद्र। भारतीय संस्कृति, सभ्यता और सनातन वैदिक परंपरा, यह सब प्रयागराज की धरती पर नजर आ रहा है। क्या वृद़ध, क्या बुजुर्ग, क्या महिलाएं और क्या युवा और बच्चे। सभी के होठों पर मां गंगा का नाम है और दिल में संगम में डुबकी लगाने का जज्बा। एक-दूसरे का हाथ पकड़कर सभी अन्न क्षेत्र कूच करने में व्यस्त हैं। मानो आस्था प्रयाग की धरती पर उमड़ पड़ी हो। और हो भी क्यों न, यह कुंभ का स्नान जो है।
मेला क्षेत्र में पैर रखने की जगह नहीं
शनिवार शाम से ही कुंभ मेला क्षेत्र में वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया। मेले के सभी प्रवेश मार्गों पर अतिरिक्त फोर्स तैनात कर अलर्ट घोषित कर दिया गया है। भारी भीड़ उमडऩे के मद्देनजर जिले और शहर के सभी स्कूल-कॉलेजों के साथ ही सरकारी दफ्तरों में शनिवार को सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया गया था। सोमवार को भी सार्वजनिक अवकाश रहेगा। जिला एवं कुंभ मेला प्रशासन ने शहर के बाजारों को बंद रखने का आह्वान किया गया है। शहर में भी तीन और चार फरवरी को वाहन न चलाने की अपील की गई है। पूरा मेला क्षेत्र तो रविवार और सोमवार को नो व्हीकल जोन रहेगा।
मेला में वाहनों का प्रवेश बंद
मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं की सबसे ज्यादा भीड़ उमडऩे की संभावना जताई जा रही है। इसका आकलन शहर की सड़कों और मेला क्षेत्र में भीड़ को देखकर लगाया जा सकता है। मंडलायुक्त डॉ.आशीष कुमार गोयल, एडीजी एसएन साबत, डीएम प्रयागराज सुहास एलवाई, कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद, डीआइजी कुंभ केपी सिंह आदि पुलिस और प्रशासनिक अफसरों तथा विभिन्न विभागों की महत्वपूर्ण बैठक हुई। अफसरों ने मेले के प्रवेश मार्गों, पांटून पुलों, संगम तथा गंगा के अन्य स्नान घाटों का स्थलीय निरीक्षण भी किया। कुंभ मेलाधिकारी ने बताया कि लगभग एक करोड़ श्रद्धालु तो शनिवार रात तक ही पहुंच गए। सोमवार तक लगभग साढ़े तीन करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। इसके मद्देनजर ही शनिवार शाम से वाहनों का मेले में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया।
शहर में भी वाहनों का चलना आसान नहीं
भीड़ अत्यधिक होने के कारण शहर की सड़कों पर भी वाहनों का चलना आसान नहीं है। ज्यों-ज्यों भीड़ बढ़ रही है, वाहनों को और दूर से ही रोक दिया जा रहा है। संगम जाने वाले मुख्य मार्ग महात्मा गांधी रोड व जानसेनगंज, बैरहना होते हुए तिनकोनिया तक जाने वाले मार्गों पर ट्रैफिक रोक दी गई है। सुबह तक बैरहना के आगे वाहनों को नहीं जाने दिया जा रहा है। वहीं महात्मा गांधी मार्ग पर मेडिकल चौराहा से वाहनों को रोक दिया गया है।
बंद रहेगा अक्षयवट दर्शन
अत्याधिक भीड़ की सुरक्षा को देखते हुए प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने रविवार और सोमवार को अक्षयवट दर्शन बंद रखने का निर्णय लिया है। इसके बाद छह फरवरी से तय समय के मुताबिक किला स्थित मूल अक्षयवट के दर्शन श्रद्धालु कर सकेंगे।
पांटून पुलों व मार्गों पर रूट डायवर्जन
मेले में बनाए गए सभी 22 पांटून पुलों तथा सड़कों पर रूट डायवर्जन रहेगा। आने और जाने के लिए अलग पांटून पुल होंगे। इसी तरह मेले के सभी प्रवेश मार्गों पर भी रूट डायवर्ट रहेगा। आने और जाने के लिए अलग-अलग मार्ग निर्धारित किए गए हैं।
यह है यातायात प्रबंधन
-जौनपुर दिशा से आने वाले वाहनों को निर्धारित पार्किंग में खड़ा कराया जाएगा।
-जौनपुर की तरफ से आने वाले श्रद्धालुओं को उत्तरी झूंसी के सेक्टर 5, 13, 14 व 15 के स्नान घाटों पर स्नान करने की सुविधा होगी।
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