आफ़ताब फ़ारूक़ी
एक ओर भारत में जहां बेरोज़गारी अपने चरम पर है और नोटबंदी एवं जीएसटी से आम जनता त्रस्त है वहीं बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह और उनके परिवार वालों की संपत्ति में कुछ ही वर्षों में इतनी अधिक वृद्धि हुई है जिससे दुनिया भर के अर्थशास्त्री भी हैरान है।
प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार भारत की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को अपने गृह राज्य गुजरात की राजधानी गांधीनगर की संसदीय सीट से नामांकन दाख़िल किया। अमित शाह ने अपने नामांकन के समय चुनाव आयोग को जो हलफ़नामा दिया है उसके मुताबिक, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और उनकी पत्नी की चल और अचल संपत्ति वर्ष 2012 के 11.79 करोड़ रुपये से बढ़कर वर्ष 2019 में 38.81 करोड़ रुपये हो गई है। हलफ़नामे के अनुसार, 38.81 करोड़ रुपये की संपत्ति में विरासत में मिली संपत्ति, चल और अचल संपत्ति भी शामिल है। अमित शाह की पत्नी सोनल शाह की संपत्ति पिछले पांच वर्षों में केवल 14 लाख से बढ़कर 2.3 करोड़ रुपये हो गई है जिससे सोनल शाह की संपत्ति में 16 गुना वृद्धि हो गई है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय अमितभाई शाह की संपत्ति में आश्चर्यजनक वृद्धि का मामला सामने आया था तो पूरे भारत के लोगों की आंखें खुली की खुली रह गईं थी। अमित शाह के बेटे जय अमितभाई शाह जिनकी स्वामित्व वाली कंपनी का वार्षिक टर्नओवर नरेंद्र मोदी के भारत के प्रधानमंत्री और पिता अमित शाह के बीजेपी के अध्यक्ष बनने के बाद 16,000 गुना बढ़ गया था। यह बात रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज़ (आरओसी) में दाखिल किए गए दस्तावेज़ों से सामने आई थी। कंपनी की बैलेंस शीटों और आरओसी से प्राप्त की गई वार्षिक रिपोर्टों से यह बात उजागर हुई थी कि वर्ष 2013 और 2014 के मार्च में समाप्त होने वाले वित्तीय वर्षों में शाह की टेंपल एंटरप्राइज़ प्राइवेट लिमिटेड कंपनी कोई ख़ास उल्लेखनीय कारोबार नहीं कर रही थी और इन वर्षों में कंपनी को क्रमशः 6,230 और 1,724 रुपये का घाटा हुआ था और उनकी कपंनी ने 2014-15 में 50,000 के राजस्व पर 18,728 रुपये का लाभ दिखाया था, लेकिन फिर 2015-16 में कंपनी ने वह कर दिखाया था जो आज तक दुनिया की शायद ही कोई कंपनी कर पाई हो क्योंकि अमित शाह के बेटे की कंपनी का टर्नओवर आश्चर्यजनक ढंग से आसमान में छलांग लगाते हुए केवल कुछ ही महीनों में बढ़कर 80.5 करोड़ रुपये को छू गया जो बढ़कर 16000 गुना से भी अधिक था। (RZ)
शाहीन अंसारी वाराणसी: विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट द्वारा…
माही अंसारी डेस्क: कर्नाटक भोवी विकास निगम घोटाले की आरोपियों में से एक आरोपी एस…
ए0 जावेद वाराणसी: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के शिक्षाशास्त्र विभाग में अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा विरोधी…
ईदुल अमीन डेस्क: सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने संविधान की प्रस्तावना में…
निलोफर बानो डेस्क: उत्तर प्रदेश के संभल ज़िले में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के…
निलोफर बानो डेस्क: उत्तर प्रदेश के संभल ज़िले में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के…