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मऊ के प्रमुख समाचारों पर एक नज़र संजय ठाकुर के संग

मऊ : जनसुनवाई पोर्टल आई0जी0आर0एस0 पर दर्ज शिकायतों के समाधान में जिला चैथी बार प्रदेश में पहले स्थान पर रहा है। 01-08-2018 से 01-03-2019 के बीच पोर्टल पर 20156 शिकायतें आई। इसके सापेक्ष जिले में 18895 शिकायतों का समाधान कर दिया गया। शेष 1261 मामले समय सीमा के अन्दर हैं। प्रदेश की रैंकिगं में जिले को 100 प्रतिशत अंक मिले हैं। आई0जी0आर0एस0 पोर्टल के तकनीकी अधिकारी व ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर श्री आशीष कुमार मिश्रा ने बताया कि शिकायतों के निस्तारण में मुख्यमंत्री संदर्भ में 436 के सापेक्ष 401, जिलाधिकारी संदर्भ में 7799 के सापेक्ष 7025, पुलिस अधीक्षक संदर्भ में 2495 के सापेक्ष 2330, संपूर्ण समाधान दिवस संदर्भ में 5313 के सापेक्ष 5111, भारत सरकार संदर्भ में 468 के सापेक्ष 432 मामलों का निस्तारण किया जा चुका है। बाकी बचे मामले समय सीमा के अन्दर निस्तारण की प्रक्रिया चल रही है। 01 मार्च 2019 तक 188995 मामलों को समाधान करा दिया गया।

मऊ : गाँव में शौचालय प्रयोग हेतु लॊगॊ कि मानसिकता बदलने का कार्य व लॊगॊ को जागरूक करना स्वच्छता में महत्वपूर्ण कार्य हैं  ।स्वच्छता कें अभियान से जुड़कर अनामिका त्रिपाठी कई समय से लॊगॊ को जागरूक करने का कार्य कर रही हैं।जहाँ स्वच्छ भारत मिशन कें तहत गाँव -गाँव में छूटे हुए परिवार हेतु शौचालय निर्माण  का कार्य चल रहा हैं।अनामिका ने व्यवहार परिवर्तन कि बात कर रही हैं , जिससे बने शौचालय प्रयोग हो ।अनामिका ने अनेक गांव में ख़ुद ट्रीगरिंग कर कें समुदाय कि सहायता से गाँव को खुले में शौच मुक्त “ओडीएफ “बनाया हैं । स्वच्छता कें अभियान में विशेष कर प्रचार -प्रसार कें कार्यक्रम में अनामिका द्वारा सराहनीय कार्य किया गया हैं ।जनपद में 40 हज़ार युवा “ODF ओलम्पिक “कें माध्यम से जुड़े जिसमे एक साथ स्वच्छता हेतु समुदाय को जोड़ने का प्रयास किया गया । “सेल्फी विथ इज्जत घर “अभियान से गाँव कि महिलाओ , युवको,ग्रामवासियों को व्हाट्सऍप नंबर पर सेल्फी लेकर , शौचालय कें साथ अपनत्व का भाव रखते हुए अपने शौचालय कें साथ सेल्फी भेजी ।गाँव में महिलाओ कि सुरक्षा स्वास्थ को देखते हुए अनामिका कि पहल पर सैनिटरी नैपकिन कें प्रयोग हेतु “स्वच्छता सखी “वह गाँव में माहवारी प्रबंधन हेतु जूनियर स्कूल कि अध्यापिकाओं , सीडीपीओ को ट्रेनिंग दि गयी हैं , “स्वच्छता सखी” से गाँव में माहवारी में सैनेटरी नैपकिन कें प्रयोग हेतु जानकरी दी जा रही हैं।एसडीएम अतुल वत्स अनामिका कें कार्य कि सराहना कर प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित कर चुके हैं। अतुल वत्स ने क़हा बहूत कम लोग किसी लक्ष्य को दिल से लगकर पूर्ण करते हैं , अनामिका उसमे से एक हैं , स्वच्छता कें मिशन को वों दिल से निभा रही हैं।

मऊ : जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों के मार्गदर्शन के लिये आदर्श आचार संहिता के सम्बन्ध में बैठक सम्पन्न हुई। जिलाधिकारी ने सभी पार्टियों के पदाधिकारियों को बताया गया कि किसी भी पार्टी के पदाधिकारी अपने वाहन पर झण्डा नहीं लगायेंगे जबतक कि अनुमति प्रमाण पत्र निर्गत न करा लें। अधिकतम 10 वाहनों का पास जारी किया जायेगा। इससे अधिक वाहन यदि किसी पार्टी के पदाधिकारी लेकर चलतें है तो वह आचार संहित का उलंघन माना जायेगा तथा निर्वाचन आयोग के नियमों के तहत कार्यवाही की जायेगी। जिलाधिकारी ने सख्त निर्देश दिये कि जो भी अधिकारी/कर्मचारी कोषागार से वेतन पा रहें हैं और वह व्यक्ति किसी राजनैतिक पार्टी का प्रचार करते या किसी प्रकार का निर्वाचन का उलंघन करते पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। अपर जिलाधिकारी डी0पी0पाल द्वारा बताया गया कि जनपद में निर्वाचन से सम्बन्धित जो भी मामले होंगे उसका निस्तारण निर्वाचन नोडल अधिकारी नगर मजिस्ट्रेट कार्यालय में होगा। जिलाधिकारी ने कहा कि कोई दल या उम्मीदवार ऐसे किसी क्रियाकलाप में सम्मिलित नहीं होगा जिससे विद्यमान अन्तर्विरोधों में वृद्धि होने या पारस्परिक घृणा उत्पन्न होने या विभिन्न धार्मिक या भाषायी जातियों और सम्प्रदायों के मध्य तनाव उत्पनन होने की सम्भावना हों। यदि किसी प्रस्तावित सभा के सम्बन्ध में लाउडस्पीकरों के उपयोंग या किसी अन्य सुविधा के लिए अनुमति या अनुज्ञप्ति प्राप्त करनी हो तो दल या उम्मीदवार को सम्बन्धित प्राधिकारी के पास समय से पहले आवेदन करना होगा। किसी सभा के आयोजकगण सभा में व्यवधान डालने वाले या अन्यथा अव्यवस्था फैलाने का प्रयत्न करने वाले व्यक्तियों से निपटने के लिए ड्यूटी पर तैनात पुलिस की अनिवार्य रूप से सहायता लें आयोजक स्वयं ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नही करेगें। आयोजकों को कार्यक्रम के सम्बन्ध में स्थानीय पुलिस प्राधिकारियों को समय से पहले सूचित करना होगा, जिससे कि वे आवश्यक प्रबन्ध कर सकें। मतदान के दिन मतदाताओं को उनके द्वारा दी गई पहचान पर्चियां सादे/सफेद कागज पर होंगी और उन पर कोई प्रतीक, अभ्यर्थी का नाम या दल का नाम नहीं होना चाहिए। निर्वाचन के समय यह भी ध्यान दें कि मतदान शांतिपूर्वक और सुव्यवस्थित ढंग से हों और मतदाताओं को इस बात की पूरी स्वतंत्रता हो कि वे बिना किसी परेशानी या बाधा के अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें। जिलाधिकारी ने सभी राजनैतिदलों के पदाधिकारियों से कहा गया कि जनपद में धारा 144 लागू है। आचार संहिता एवं निर्वाचन के नियमों का पालन करने के लिए अपील की गयी। उक्त अवसर पर अधिकारी एवं राजनैतिक दल के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

मऊ : एम0सी0सी0 एवं ई0ई0एम0 का प्रशिक्षण जनपद स्तर पर लोक सभागार कलेक्टेट सभाकक्ष में जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। जिसमें एम0सी0सी0 एवं ई0ई0एम0 के सदस्यों को जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी द्वारा द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। उक्त प्रशिक्षण में जिलाधिकारी द्वारा उपस्थित समस्त अधिकारी को बताया गया कि आदर्श आचार संहिता में कोई राजनीतिक पार्टी या प्रत्याशी ऐसा कोई काम नही करेगी जिससे दोनो समुदायो के मतभेद को बढ़ावा मिले, वोट पाने के लिए किसी भी स्थिति में जाति या धर्म आधारित अपील नहीं की जा सकती, मस्जिद, चर्च, मंदिर या दूसरे धार्मिक स्थल का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के मंच के तौर पर नही किया जा सकता है, सरकारी बंगले का इस्तेमाल चुनाव मुहिम के दौरान नहीं किया जा सकता, प्रचार के लिए सरकारी पैसे का इस्तेमाल नही हो सकता, सरकार, मंत्री या अधिकारी चुनाव के एलान के बाद अपने मंजूर किए गये धन या अनुदान के अलावा अपने विवेक से कोई नया आदेश नही दे सकते यानी सीधे शब्दों में कहें तो कोई नयी योजना शुरू नही कर सकते है। इसी तरह जिलाधिकारी द्वारा आदर्श आचार्य संहिता के बारे में समस्त बिन्दुओ पर प्रशिक्षण दिया गया।

उक्त प्रशिक्षण में अपर जिलाधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक, उप निदेशक कृषि, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी, उप जिलाधिकारी मु0बाद गोहना, उप जिलाधिकारी सदर, समस्त क्षेत्राधिकारी, वरिष्ठ कोषाधिकारी एवं निर्वाचन व्यय मानिंटरिंग टीम, खण्ड विकास अधिकारी रानीपुर रजनीश सिंह, समस्त प्रभारी निरीक्षक/थानाध्यक्ष, समस्त खण्ड शिक्षा अधिकारी सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।

मऊ :राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से चलाये जा रहे पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद में सघन पल्स पोलियो अभियान 10 मार्च से शुरू हो चुका है। यह अभियान 18 मार्च तक चलाया जायेगा। 10 मार्च को पोलियो दिवस के रूप मनाते हुये 1.68 लाख बच्चों को पोलियो की ख़ुराक पिलाई गयी। जबकि 18 मार्च को छूटे हुए बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जाएगी।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० सतीश चन्द्र सिंह ने बताया कि पोलियो अभियान के अंतर्गत जिले में 0-5 वर्ष तक के 3.38 लाख बच्चों को पोलियो रोधी दवा पिलाने का लक्ष्य निर्धारित है। 10 मार्च को पोलियो अभियान की शुरुआत जिलाधिकारी श्री ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने मुगलपुरा प्राथमिक विद्यालय पर नौनिहालो को दवा पिलाकर की। वहीं जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ० एम० लाल  ने बताया कि पहले दिन 10 मार्च को शुरू हुए इस कार्यक्रम में बूथ स्तर पर दवा पिलाई गई। इसके बाद 11 से 15 मार्च तक टीमों द्वारा घर-घर जाकर 0-5 वर्ष तक के बच्चों दवा पिलाई जायेगी। इस अभियान को सफल बनाने के लिए विभाग द्वारा पूरी तैयारी कर कार्य किया जा रहा है। पूरे जनपद में 1345 बूथ बनाये गये हैं। इसके अलावा घर-घर भ्रमण हेतु 590 टीम बनाई गईं हैं। ट्रांजिट स्थलों की संख्या 28 एवं मोबाईल टीम की संख्या 16 है जो अभियान के दौरान अपना कार्य करेंगी।

पोलियो एक खतरनाक बीमारी

पोलियो का अंतिम प्रकरण वर्ष 2011 में प्राप्त हुआ था। इसके बाद भारत में पोलियो वायरस फिर से प्रवेश न करें, इसके लिए भारत सरकार की ओर से राष्ट्रीय पल्स पोलियो कार्यक्रम का आयोजन हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 10 मार्च से शुरू  किया गया है। पोलियो या पोलियोमेलाइटिस एक गंभीर और खतरनाक बीमारी है। पोलियो वायरस से होता है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलता है। साथ ही यह वायरस जिस भी व्यक्ति में प्रवेश करता है उसके मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाता है जिसकी वजह से लकवा भी हो सकता है। खास बात यह है कि भारत में पोलियो का अंतिम मामला 13 जनवरी 2011 को पश्चिम बंगाल और गुजरात में रिपोर्ट हुआ था। 27 मार्च 2014 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को पोलियो मुक्त देश घोषित कर दिया था। पोलियो के विरुद्ध प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न करने के लिए नियमित टीकाकरण कार्यक्रम व पल्स पोलियो अभियान के अंतर्गत पोलियो वैक्सीन की दवा दी जाती है। यह दवा 05 वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चों के लिये अत्यंत आवश्यक है। यह दवा जन्म पर, छठे, दसवें व चौदहवें सप्ता्ह में फिर 16 से 24 माह की आयु के मध्य् बूस्टर खुराक दी जानी चाहिए। बार-बार और एक साथ खुराक पिलाने से पूरे क्षेत्र के 05 वर्ष तक की आयु के सभी बच्चों में इस बीमारी से लड़ने की एक साथ क्षमता बढ़ती है। इससे पोलियो विषाणु को किसी भी बच्चे के शरीर में पनपने की जगह नहीं मिलती।

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