अनिल कुमार
पटना। राजनीती अगर शहादत पर भारी पड़ने लगे तो देश के लिये एक चिंता का विषय है। शायद आज राजनीत के चक्कर में एक शहीद को जो सम्मान मिलना चाहिये उसको वह सम्मान भाजपा अथवा एनडीए के नेताओ द्वारा नही मिला। जम्मू कश्मीर में शहीद हुवे सीआरपीऍफ़ के इस्पेक्टर पिंटू सिंह देश के लिये शहीद हो गये। बेगुसराय के रहने वाले पिंटू सिंह आतंकियों से मुठभेड़ करते हुवे शहीद हुवे थे। आज पटना हवाई अड्डे पर उनका पार्थिव शरीर लाया गया जहा से हेलीकाफ्टर के द्वारा पार्थिव शरीर को उनके पैत्रिक गाव बेगुसराय जिले में भेज दिया गया। जहा शहीद की चार साल की मासूम बच्ची पीहू ने मुखाग्नि देकर उनका अंतिम संस्कार किया। अंतरिम संस्कार पुरे राजकीय सम्मान के साथ हुआ। पटना हवाई अड्डे पर जिले की पुलिस कप्तान ने पहुच कर शहीद को सलामी दिया।
पटना एयरपोर्ट पर शहीद पिंटू सिंह को एसएसपी गरिमा मलिक सहित सीआरपीऍफ़ के अन्य बड़े अधिकारियों ने श्रद्धांजलि दी, जिसके बाद उनका शव हेलिकॉप्टर से उनके पैतृक गांव बेगूसराय के लिए भेजा गया। पटना एयरपोर्ट पर शहीद के शव को श्रद्धांजलि देने के लिए न तो सीएम आये और न ही उनकी कैबिनेट के कोई सहयोगी मौजूद रहे।
विपक्ष के खेमे से भी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा को छोड़कर कोई अन्य दूसरा नेता वहां मौजूद नहीं रहा। शहीद पिंटू सिंह के शव को लेने उनकी बहन और भाभी एयरपोर्ट पर मौजूद थे। बताते चले कि सीआरपीएफ के इंस्पेक्टर पिंटू सिंह शुक्रवार की शाम आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए थे। वो मूल रूप से बेगूसराय स्थित बखरी के बगरस ध्यान चक्की गांव के रहने वाले थे। पटना एयरपोर्ट से शहीद पिंटू कुमार सिंह का शव उनके पैतृक गांव बखरी पहुंचा।
बखरी में बेगूसराय के डीएम एवं एसपी भी मौजूद रहे। अपने शहीद सपूत के अंतिम दर्शन को लोगों का हुजुम बखरी पहुंचा है। पिंटू का अंतिम संस्कार आज ही किया जाएगा। मामला मीडिया में उछलता देख जेडीयू नेता प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा, ‘इस दुख की घड़ी में हमें आपके साथ होना चाहिए था। हमारी ओर से भूल हुई, मैं उन सभी लोगों की ओर से माफी मांगता हूं। अब आप खुद समझ ले कि नेताओ को हमारी चिंता नही है कोई बात नही मगर श्रधा और सम्मान के दो फुल शहीद के पार्थिव शरीर पर डालने की भी फुर्सत नही है। जेडीयु के नेता प्रशांत किशोर ने भले ही गलती मानते हुवे इस मामले में माफ़ी मांग लिया है मगर शायद ये माफ़ी माँगना भी उनका हाईटेक थे। क्योकि चाहते तो शाम को ही सही प्रशांत किशोर बेगुसराय जा सकते थे। मगर उन्होंने इसकी ज़हमत उठाने से बेहतर एक ट्वीट के माध्यम से माफ़ी मांग लिया।
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