तारिक जकी
नई दिल्ली : एक तरफ मोदी सरकार सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल को लेकर अपने रुख पर कायम है और पार्टी दावा कर रही है कि वह बिल को पारित कराने के लिए संकल्पबद्ध है, तो अब दूसरी तरफ बीजेपी के अंदर ही इस बिल को लेकर विरोध के स्वर उठने शुरू हो गए हैं। मौजूदा मामले में शिलॉन्ग सीट से भाजपा के उम्मीदवार सनबोर शुल्लई ने कहा है कि जब तक मैं जिंदा हूं तब तक सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल लागू नहीं हो सकता है’। सनबोर शुल्लई ने कहा कि मैं अपनी जान दे दूंगा। पीएम नरेंद्र मोदी के सामने आत्महत्या कर लूंगा, लेकिन मैं इस विधेयक को किसी भी सूरत में लागू नहीं होने दूंगा।
गौरतलब हो कि पूर्वोत्तर के तमाम राज्यों में इस बिल को लेकर काफी दिनों से विरोध का सिलसिला जारी है। हालांकि केंद्र सरकार इस बिल को लेकर अपने रुख पर कायम है। पिछले दिनों असम के दौरे पर गए पीएम मोदी ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि देश में नागरिकता संशोधन बिल को लेकर जानबूझकर गलत जानकारी फैलाई गई। विपक्ष में बैठी पार्टियों का काम सिर्फ लोगों को गुमराह करना है। पीएम मोदी ने कहा कि असम के साथ-साथ देश में के किसी भी हिस्से में घुसपैठियों के लिए कोई जगह नहीं है।
बताते चले कि अमित शाह ने भी बयान जारी किया था कि इस बिल के तहत हिन्दू, सिख और बौद्ध को छोड़कर बकिया सभी घुसपैठियों को निकाला जाएगा। उनके इस बयान को भाजपा के अधिकृत ट्वीटर आईडी पर भी पोस्ट किया गया है। इसके बाद सोशल मीडिया यूज़र्स इस बयान को लेकर भाजपा पर हमलावर होने लगे है। एक यूज़र ने तो यहाँ तक कहा है कि सिख और मुस्लिम भाई भाई की तरह रहते है, ये उनको आपस में लड़वाने का एक प्लान है।
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