तारिक आज़मी
मऊ (घोसी)- घोसी लोकसभा सीट अततः गठबंधन प्रत्याशी अतुल राय ने जीत लिया है। अतुल राय के नामंकान के थोड़े वक्त बाद ही उनके उपार गंभीर आरोप में मुकदमा दर्ज हो गया। अतुल राय के गिरफ़्तारी के लिये पुलिस ने भी कमर कस लिया। अतुल राय अपने अधिवक्ताओ के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट के शरण में गये। सुप्रीम कोर्ट में भी राहत नही मिली। इस दौरान विपक्ष उनके ऊपर हमलावर रहा और राजनैतिक रोटिया सकने का भी आरोप विपक्ष के ऊपर लगा।
एक बड़ी समस्या को अब्बास अंसारी ने हल किया और फिर इसी आरोप को ही अस्त्र बना डाला। इसके द्वारा सहानुभुत का मत इकठ्ठा करने की ज़िम्मेदारी अब तीनो टीम की थी। सभी टीम अपने अपने क्षेत्र में काम करती रही। वही अब्बास अंसारी ने अपने साथ तय्यब पालकी जैसे रानजीतिक जानकारों को भी जोड़ा और हाड तोड़ मेहनत करना शुरू किया। अब्बास अंसारी ने इस दौरान गाजीपुर और आजमगढ़ में भी लोगो से मिलना जुलना जारी रखा। इसका एक और फायदा होता कि आस पास के जिलो में उनके चाहने वालो ने अपने रिश्तेदारों में भी इसका प्रचार करना शुरू किया। ये अतुल राय के मतों को उनके पास से हिलने से रोक रही थी।
इस तरह अब्बास अंसारी ने इस सीट पर गठबंधन की जीत सुनिश्चित किया। इस जीत के बाद एक बार फिर इलाके में अब्बास अंसारी के राजनैतिक परिपक्वता सिद्ध हुई। बताते चले कि इसके पूर्व मऊ में नगर पंचायत चुनावों हेतु में तय्यब पालकी की सीट को जितवाने में अब्बास अंसारी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाया था। एक बार फिर इस लोकसभा चुनावों में अब्बास अंसारी ने अपनी राजनैतिक परिपक्वता साबित किया है।
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