तारिक जकी
मुम्बई. पायल तडवी आत्महत्या प्रकरण में पुलिस ने तीनो आरोपी डाक्टरों को गिरफ्तार कर लिया है। सभी आरोपियों को आज न्यायालय में पेश किया गया। बताते चले कि महाराष्ट्र के बीवाईएल नायर अस्पताल में रेजिडेंट डॉ। पायल सलमान तड़वी ने आत्महत्या कर लिया था। मामले में उसी अस्पताल के तीन सीनियर डाक्टरों को आरोपी बनाया गया था। तीनों आरोपी डॉक्टरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
आत्महत्या की घटना 22 मई की है। मामला दर्ज होने के बाद से ही इस प्रकरण में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे थे। इधर घटना के बाद तीनो आरोपी डाक्टरों को उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया था। मामले में जहा तीनो डाक्टर भूमिगत थी वही पुलिस पर लगातार कार्यवाही का दबाव बन रहा था। वही दूसरी तरफ कल मंगलवार को इन डॉक्टरों ने उत्पीड़न के आरोपों से इनकार करते हुए महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एमएआरडी को पर लिख कर कहा था कि पुलिस मीडिया के दबाव में काम कर रही है और प्रकरण की जाँच निष्पक्ष नही हो रही है, अगर काम के बोझ को रैगिंग का नाम दिया जा रहा है तो हम सभी की भी रैगिंग हुई हैं।
इस पत्र के मिलने के पहले ही एमएआरडी ने तीनों आरोपी डॉक्टरों, हेमा आहुजा, डॉ।भक्ति महिरे और डॉ। अंकिता खंडेलवाल की सदस्यता निरस्त कर दी थी। वही अग्रीपाड़ा के सहायक पुलिस आयुक्त दीपक कुडंल ने कहा था कि प्रकरण में अनूसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार अधिनियम, एंटी रैगिंग अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत मामला दर्ज कर लिया है। शुरुआती जांच में पता चला है कि मौत से कुछ घंटे पहले ऑपरेशन थियेटर में तड़वी को मरीज और अन्य कर्मचारियों के सामने डांट लगाई गई थी। इसके बाद उन्हें वहां से रोते हुए निकलते देखा गया था।
वही पायल के परिजनों ने आरोप लगाया था कि कहा कि इस उत्पीडन के इस बारे में अस्पताल प्रशासन से तीन बार शिकायत की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। परिवार का कहना है कि 13 मई को पायल के पति डॉ। सलमान तड़वी ने अस्पताल के यूनिट प्रमुख डॉ। यी चिंग लिंग से मौखिक शिकायत की थी, जिसके बाद पायल के सीनियर डॉक्टर ने उससे दो दिन तक बात नहीं की। तीसरे दिन इनमें से एक ने घटिया काम के लिए कथित तौर पर पायल के मुंह पर फाइल फेंकी। परिजनों का आरोप है कि अगले दिन पायल को धमकी दी गई कि उसे साल पूरा नहीं करने दिया जाएगा। वह हर दिन रोती थी। उसने कहा था कि उसने यूनिट हेड से शिकायत की है लेकिन कुछ नहीं हुआ इसके बजाए उत्पीड़न रोजाना बढ़ता गया। परिवार ने यह भी कहा कि पायल ने इन तीनों सीनियर डॉक्टर की आपस की बातचीत भी सुन ली थी, जिसमें इन्होंने कहा था कि इस जाति के लोगों को कोई जानकारी नहीं होती, ये सिर्फ कोटे के दम पर दाखिला ले लेते हैं।
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