Categories: Special

घोसी लोकसभा – एमवाई फैक्टर के साथ भूमिहार मत और अब्बास अंसारी का नेतृत्व आसन नज़र आई अतुल राय की संसद तक राह

संजय ठकुर / रूपेंद्र भारती

घोसी /मऊ।  घोसी लोकसभा का चुनाव काफी रोचक बन गयी है। यहा का चुनाव परिणाम टक्कर का है। यह चुनाव  दो प्रत्याशियों के बीच का होकर रह गया है। इनके अलावा अन्य प्रत्याशियों का अपनी जमानत बचाने के लिए भी मत प्राप्त करना भी मुश्किल नजर आ रही है।

घोसी लोकसभा सीट पर कुल पन्द्रह प्रत्याशियों ने चुनावी मैदान में अपने भाग्य को आजमाया है। जिसमें भाजपा से हरिनारायण राजभर , सपा बसपा गठबंधन से अतुल सिंह उर्फ अतुल राय , भाकपा से अतुल कुमार अंजान , पीस पार्टी से मौलाना शफकत तकी सहित अन्य प्रत्याशी शामिल हैं। जिसमें भाजपा के हरिनारायण राजभर एवं सपा बसपा गठबंधन के अतुल राय के बीच मतों का ध्रुवीकरण इस प्रकार से हुआ कि अन्य प्रत्याशियों के मतों की गणना नगण्य के बराबर रही हैं। किसी किसी प्रत्याशी का तो मतों का खाता ही नहीं खुला हैं। जिसके चलते गली चौराहे पर हार जीत का चर्चा जोरो पर चल रहा हैं। हर कोई अपने अपने हिसाब से अपने अपने प्रत्याशी को जीताता नजर आ रहा हैं। मगर खबरे जो मतदाताओ के बीच से छन कर आ रही है वह यह है कि मुस्लिम मतों का ध्रुवीकरण एकतरफा गठबंधन प्रत्याशी अतुल राय के तरफ हुआ है। इसके साथ अतुल राय पर लगे गंभीर मुक़दमे का फायदा विपक्षी उम्मीदवार के बजाय उलटे गठबंधन उठा गया है। इस मुक़दमे को झूठा बताते हुवे उसने इसको विपक्ष की राजनीत का हिस्सा बताया जिससे कही न कही सिम्पैथी मतों का झुकाव अतुल राय के तरफ रहा।

यही नही दूसरी तरफ अब्बास अंसारी के नेतृत्व में भी गठबंधन को फायदा हुआ है। लगातार तीन वर्षो से इसी इलाके में अपनी राजनितिक ज़मीन बनाने वाले मऊ सदर विधायक मुख़्तार अंसारी के पुत्र और युवा बसपा नेता अब्बास अंसारी ने उसी तरह इस चुनाव में कूटनीति का उपयोग किया जिस प्रकार नगर पंचायत चुनाव में तय्यब पालकी के लिए किया था। भारी विरोध के बावजूद अंत में तैयब पालकी चुनाव जीत गए थे। इस बार भी अब्बास ने अतुल राय के ऊपर हुवे मुक़दमे का राजनितिक फायदा विपक्ष के बजाय खुद उठाया। गठबंधन के प्रचार में सहानुभूति जोड़ने का प्रयास हुआ और जानकार बताते है कि सहानुभूति के मत मिले भी। इस बीच लगभग पुरे चुनाव में अतुल राय खुद भूमिगत थे। भूमिगत होते हुवे भूमिहार समाज का वोट भी उन्होंने बढ़िया साधा।

इन समीकरणों को अगर देखे तो कही न कही से अतुल राय भाजपा प्रत्याशी से आगे निकलते दिखाई दे रहे है। वही कांग्रेस प्रत्याशी और भाकपा प्रत्याशी ने भाजपा के वोट बैंक पर सेधमांरी किया है। अगर ये दोनों द्वारा किये गए सेंधमारी का प्रतिशत अधिक हुआ तो फिर भाजपा को इस सीट पर करारी हार भी देखना पड़ सकता है। वैसे जानकार बताते है कि गठबंधन प्रत्याशी अतुल राय यहाँ से चुनाव जीतते प्रतीत हो रहे है क्योकि उनके पक्ष में एम वाई फैक्टर के साथ भूमिहार मतों का भी काम करना बताया जा रहा है।

pnn24.in

Recent Posts

स्पेन: केयर होम में आग लगने से 10 की मौत

आफताब फारुकी डेस्क: स्पेन के उत्तर पूर्वी इलाके के ज़ारागोज़ा के नज़दीक एक केयर होम…

45 mins ago

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने जारी किया पीसीएस प्री के परीक्षा की नई तारीख

अबरार अहमद डेस्क: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने बताया है कि पीसीएस-प्री की…

49 mins ago

एसडीएम को थप्पड़ मारने वाले निर्दल प्रत्याशी नरेश मीणा पर हत्या के प्रयास जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा हुआ दर्ज

आदिल अहमद डेस्क: राजस्थान विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा की गिरफ़्तारी के बाद…

2 hours ago

बिहार: सुशासन बाबु के बिहार में फिर बनी शराब जानलेवा, अवैध शराब पीने से एक की मौत

अनिल कुमार डेस्क: शराब बंदी वाले राज्य बिहार में शराब से होने वाली मौतों का…

2 hours ago

सुप्रीम कोर्ट द्वारा बुल्डोज़र पर लगी ब्रेक, बड़ा सवाल उन मामलो का क्या होगा जहा बुल्डोज़र चल चुके है…..?

मो0 कुमेल डेस्क: बुलडोज़र से किसी का आशियाना या घर तोड़ने से पहले सरकार या…

17 hours ago