तारिक खान
प्रयागराज. कुंभ के बाद जमा कचरे को लेकर राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण यानि एनजीटी ने जस्टिस अरुण टंडन की अध्यक्षता में एक निगरानी समिति बनाई गई थी. इस समिति द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक इलाहाबाद के बसवार प्लांट में इस समय करीब 60,000 मिट्रिक टन कचरा जमा हुआ है. इसमें से करीब 18,000 मिट्रिक टन कचरा कुंभ मेले का है.
डायरिया, बुखार, वायरल हेपेटाइटिस और कॉलरा की बीमारी के ख़तरे का पूर्वानुमान लगाते हुए एनजीटी ने कहा था कि तुरंत ज़िम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय करने की ज़रूरत है ताकि महामारी फैलने से रोका जा सके. हालांकि इस सख्त निर्देश के बाद भी अभी भी बसवार प्लांट चालू नहीं किया जा सका है. यहां पर कचरे की प्रोसेसिंग के लिए पांच मशीनें लगाई गई हैं और फिलहाल पांचों मशीनें बंद पड़ी हैं.
हरी-भरी’ के प्रोडक्शन इंचार्ज राजन नाथ ने कहा कि कुंभ के पहले ही उनकी कंपनी ने सरकार से कहा था कि इन मशीनों को बदलने की जरूरत है लेकिन प्रशासन ने इस पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया. उन्होंने कहा, ‘इन मशीनों की क्षमता प्रतिदिन 400 टन कचरा साफ करने की थी लेकिन कुंभ के समय 800-900 टन प्रतिदिन सॉलिड वेस्ट कचरा यहां पर आता था. इसकी वजह से पूरा प्लांट भर गया और काम नहीं हो सका.’
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