फ़ारुख हुसैन
पलिया कलां खीरी
भारत से रोजाना सैकडों ट्रक जाने वाली सब्जियों व फलों पर नेपाल सरकार ने रोक लगा दी है। नेपाल सरकार का आरोप है कि भारत से आने वाली इन सब्जियों में मानकों से ज्यादा कीटनाशकों का प्रयोग किया गया है। रोक लगनेे के बाद सब्जी और फलों से लदेे सैकड़ों वाहन नेपाल-भारत सीमा पर फंसे हुए हैं। वहीं नेपाल के इस फैसले से भारतीय व्यापारियों को भारी नुकसान हो सकता है।
नेपाल सरकार ने भारत से आने वाली सब्जियों पर रोक लैब परीक्षण के बाद लगाई है। रिपोर्ट में बताया है कि भारत में पैदा होनी सब्जियों में रासायनिक पदार्थों का उपयोग बहुत ज्यादा किया जा रहा है। सरकार ने यह भी कहा कि अब भारत से लैब परीक्षण के बाद ही वे फल और सब्जियों का आयात करेंगे। इस बारे जब लखीमपुर के जिलाधिकारी शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि अभी तक हमें नेपाल सरकार द्वारा ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई है, फिर भी जो भी मामला होगा, हम उसे देखेंगे।
नेपाल के कैलाली जिले के जिलाधिकारी योगराज बोहरा ने बताया भारतीय सब्जियों में बहुत अधिक मात्रा में रासायनिक केमिकल मिलाया जा रहा है और उनका लैब परीक्षण भी नहीं किया जा रहा है। ऐसे में भारत बिना जांच के फल और सब्जियां नेपाल नहीं भेज सकता। इस पर भंसार (कस्टम) विभाग ने रोक लगा रखी है, इसलिए पहले काठमांडू से खाद्यान संस्थान से स्वाथ्य प्रमाण पत्र लेना पड़ेगा उसके बाद ही बिक्री हो सकेगी।
रोजाना सैकड़ो ट्रक सब्जियों फलों होता था आयात
कैलाली के स्थानीय निवासी अरुण पनेरू बताते हैं कि रोजाना भारत से नेपालगंज सोनोली गौरीफंटा बॉर्डर से सैकड़ो ट्रक सब्जी व फलों का आयात होता है, लेकिन भारतीय सब्जियों में अधिक मात्रा में रासायनिक पदार्थ पाये जाने के कारण सब्जियों व फलों पर रोक लगा दी गई है। रोक लगने से दो दिन में ही ट्रकों में लोड सब्जियां व फल सड़ने की कगार पर पहुंच गए हैं।
रोक के बाद सब्जी व फल के दाम आसमान पर
नेपाल सरकार द्वारा सब्जियों व फलों पर रोक के लगने के बाद से नेपाली बाजार में सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। ₹20 किलो मिलने वाला आलू ₹40 किलो, टमाटर ₹120 किलो, प्याज ₹80 किलो और लौकी की कीमत ₹40 किलो तक पहुंच गई है।
सरकार की नियत व नीति साफ लेकिन भारत के प्रति
नेपाल सिद्धार्थ उद्योग वाणिज्य संघ इंडस्ट्री आफ कॉमर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कैल प्रसाद कहते हैं,सरकार की नीतिगत आयात और साफ माल को बढ़ावा देने की नीति बुनियादी रूप से अच्छी है, लेकिन पेस्टिसाइड युक्त सब्जियां व फल सेहत के लिए बहुत ही ख़तरनाक हैं। इसके लिए 3 से 4 दिन लग जाते है क्योंकि इसके परीक्षण के लिए काठमाण्डु जाना पड़ता है।
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