अनिला आज़मी
नई दिल्ली. संयुक्त राष्ट्र संघ में ईरान के स्थाई राजदूत मजीद तख़्ते रवान्ची ने कहा है कि जब तक ईरान पर दबाव का क्रम जारी रहेगा, तेहरान वार्ता नहीं करेगा। सीएनएन को इन्टरव्यू देते हुए मजीद तख़्ते रवान्ची का कहना था कि अमरीका परमाणु समझौते से निकलने की ग़लती स्वीकार करे और समझौते में वापस आ जाए।
उन्होंने कहा कि ईरान ने परमाणु समझौते पर अमल के स्तर में कमी इस समझौते की आत्मा के अनुरुप किया है क्योंकि यूरोप ने ईरान से किए गये आर्थिक वचन अब तक पूरे नहीं किए हैं। उन्होंने कहा कि परमाणु समझौते की परिधि में ईरान को यह हक़ हासिल है कि सामने वाले पक्ष के उल्लंघनों के जवाब में वह भी इस समझौते पर अमल के स्तर में कमी कर सकता है।
मजीद तख़्ते रवान्ची ने कहा कि विशेष वित्तीय व्यवस्था इन्सटैक्स को सक्रिय बनाने के लिए यूरोप के पास समय कम है क्योंकि इस काम में जितना विलंब होगा उसके लाभ में भी कमी होगी। संयुक्त राष्ट्र संघ में ईरान के स्थाई राजदूत ने तेहरान के इस दृष्टिकोण को दोहराया कि ईरान क्षेत्र में तनाव और युद्ध नहीं चाहता किन्तु वह दबाव के सामने कभी भी नहीं झुकेगा।
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