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(देखे वीडियो) कृष्णानन्द हत्याकांड – जाने बाइज्ज़त बरी हुवे मुख़्तार अंसारी तो क्या कहा उनके पुत्र अब्बास अंसारी ने

संजय ठाकुर/मुकेश कुमार

नई दिल्ली: स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की 2005 में हत्या कर दी गई थी। राय गाजीपुर जिले की मोहम्दाबाद विधानसभा से विधायक थे।

आज आये इस फैसले के बाद मऊ विधानसभा में मुख़्तार अंसारी समर्थको ने जमकर खुशिया मनाई। इस दौरान तय्यब पालकी के तरफ से मिठाई तकसीम किया गया। इस दौरान एक दुसरे को मिठाई खिला कर मुख़्तार अंसारी समर्थको ने खुशियों का इज़हार किया। तय्यब पालकी ने मीडिया से रूबरू होते हुवे कहा कि आज इन्साफ की जीत हुई है। इन्साफ जीता है और अदालत ने भी विधायक मुख़्तार अंसारी को बेगुनाह माना है। एक लम्बे अरसे के बाद हमारे विधायक हमारे बीच होंगे यह हमारे लिए ख़ुशी की बात है।

इस फैसले के आते ही मुख़्तार अंसारी ने युसुफपुर मुहमदाबाद स्थित पैतृक आवास फाटक पर बधाई देने वालो का ताँता लग गया। इस दौरान मुख़्तार अंसारी समर्थको ने जमकर आतिशबाजी भी किया। पूरी मार्किट में मिठाई बाटी गई और लोगो ने खुशियों का मुजाहिरा किया है।

इस मौके पर अपने बयान में मुख़्तार अंसारी पुत्र और युवा बसपा नेता अब्बास अंसारी ने अपने बयान में कहा है कि इन्साफ की जीत हुई है। मुख़्तार अंसारी का राजनैतिक कैरियर ख़त्म करने के लिये उनको षड़यंत्र के तहत इस केस में फंसाया गया था। आज इन्साफ ने आवाज़ बुलंद किया और मुख़्तार अंसारी को अदालत ने बेगुनाह पाते हुवे निष्पक्ष और न्यायप्रिय न्यायपालिका ने मुख़्तार अंसारी को बाइज्ज़त बरी किया है। हम न्यायपालिका के शुक्रगुज़ार है। आज इन्साफ की जीत हुई है।

क्या था मामला

बताते चले कि 29 नवंबर 2005 की शाम गाजीपुर मे भांवरकोल क्षेत्र के बसनिया पुलिया के पास अपराधियों ने स्वचालित हथियारों से भाजपा विधायक कृष्णानंद राय व उनके छह साथियों मुहम्मदाबाद के पूर्व ब्लाक प्रमुख श्यामाशंकर राय, भांवरकोल ब्लाक के मंडल अध्यक्ष रमेश राय, अखिलेश राय, शेषनाथ पटेल, मुन्ना यादव व उनके अंगरक्षक निर्भय नारायण उपाध्याय की हत्या कर दी गई थी। मुहम्मदाबाद विधानसभा क्षेत्र के भांवरकोल ब्लॉक के सियाड़ी गांव में आयोजित क्रिकेट प्रतियोगिता का उद्घाटन करने के बाद सियाड़ी से बसनिया के लिए निकलते भाजपा विधायक कृष्णानंद राय व उनके साथ के लोगों की उनके अपने ही इलाके में लट्ठूडीह-कोटवा मार्ग पर हत्या कर दिया गया था।

घटना उस समय हुई थी जब राय का काफिला बसनिया चट्टी से आगे बढ़ा था। उसी समय घात लगाकर बैठे अपराधियों ने अचानक उनके काफिले पर अंधाधुंध गोलियों की बौछार कर दी। कहते हैं कि हमलावरों ने 6 एके-47 राइफलों से 400 से ज्यादा गोलियां चलाई थीं। मारे गए सभी सात लोगों के शरीर से 67 गोलियां निकाली गईं थीं। यही नहीं मुखबिरी इतनी सटीक थी कि अपराधियों को पता था कि कृष्णानंद राय अपनी बुलेट प्रूफ वाहन में नहीं हैं।

पूर्व विधायक कष्णानंद हत्याकांड में एजाज अंसारी, प्रेम प्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी, फिरदौस, संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा एवं अताउर्रहमान उर्फ बाबू को आरोपी बनाया गया था। बाद में अफजाल अंसारी, मुख्तार अंसारी को साजिशकर्ता करार देते हुए 120बी के तहत आरोपी बनाया गया था। इन आरोपियों में फिरदौस व प्रेमप्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी की हत्या हो चुकी है। वही घटना के पहले से ही मुख़्तार अंसारी जेल में बंद थे।

अदालत ने दिया था सीबीआई जाँच का निर्देश

कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय की ओर से हाईकोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पूरे प्रकरण की सीबीआइ जांच का आदेश दिया गया था। बाद में अलका राय की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। उन्होंने आशंका व्यक्त करते हुए कहा गया था कि अपराधियों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है। ऐसे में सुनवाई के दौरान गवाहों के जान का भय बना हुआ है। इसलिए पूरे मामले की सुनवाई गैर प्रदेश की कोर्ट में की जाए। अलका राय के वकील की दलीलों से सहमत होते हुए सुप्रीम कोर्ट की ओर से पूरे प्रकरण की सुनवाई गैर प्रदेश की कोर्ट में करने की मंजूरी दे दी गई थी।

हत्याकांड से दहल उठा था पूर्वांचल

विधायक कृष्णानंद राय समेत सात लोगों की एक साथ हत्या से उत्तर प्रदेश का गाजीपुर दहल उठा था। इस हत्याकांड से पूरे यूपी समेत बिहार में भी हड़कंप मच गया था। उस समय पूरा पूर्वांचल सहमा हुआ दिख रहा था। हत्याकांड के विरोध में लगभग एक सप्ताह तक गाजीपुर, बलिया, आजमगढ़, वाराणसी के साथ ही आगजनी, तोड़फोड़ आंदोलनों का दौर चलता रहा। आंदोलन की कमान पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह संभाले हुए थे। तत्कालीन सपा सरकार प्रदेश की जांच एजेंसी की रिपोर्ट को सही ठहरा रही थी, जबकि भाजपा पूरे मामले की जांच सीबीआइ से कराने पर अड़ी थी।

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