आफताब फारुकी
नई दिल्ली: पंजाब के मंत्रिमंडल में फेरबदल और अपनी उपेक्षा से आहात हुवे विख्यात क्रिकेटर से राजनीतिज्ञ बने नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। 10 जून को दिये गए इस्तीफे की जानकारी मीडिया को आज तब आई है जब सिद्धू ने अपना इस्तीफा राहुल गांधी को ट्वीट किया है। अब मीडिया सवालो के घेरे में अमरिंदर सिंह सरकार है कि आखिर दस जून के इस इस्तीफे को क्यों दबाया गया था।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट किया कि वह मुख्यमंत्री को भी अपना इस्तीफा भेजेंगे। बताते चले कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने छह जून को सिद्धू से स्थानीय निकाय और पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामलों के विभाग वापस ले लिए थे और उन्हें ऊर्जा एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग का प्रभार सौंपा था। कैबिनेट में फेरबदल के दो दिन बाद आठ जून को सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में तेजी के लिए मुख्यमंत्री द्वारा गठित मंत्रणा समूहों से भी सिद्धू को बाहर रखा गया था। मुख्यमंत्री के साथ गतिरोध की स्थिति होने के कारण कैबिनेट फेरबदल के एक महीने बाद भी सिद्धू ने अपना नया प्रभार नहीं संभाला था।
गौरतलब है कि पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू अपनी ही सरकार के लिए किरकिरी बन गए थे। दरअसल उनके खिलाफ बीजेपी नेता तरूण चुग ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर शिकायत की थी कि उन्होंने मंत्री पद की शपथ तो ले ली है लेकिन अभी तक कार्यभार नहीं संभाला है फिर भी वह मंत्री के रूप में मिलने वाली सैलरी और भत्तों का पूरा मजा ले रहे हैं। चिट्ठी में लिखा गया था कि सिद्धू और सीएम के बीच विवाद ने संवैधानिक संकट पैदा कर दिया है।
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