तारिक जकी
गुवाहाटी: एनआरसी लगातार विवादों में घिरता रहा था। पहले सेना के एक रिटायर्ड आफिसर और वीरता पुरुस्कार विजेता के विदेशी नागरिक घोषित किये जाने पर चर्चा का केंद्र बना और लगातार आलोचनाओ का शिकार होना पड़ा। अब नागरिकता संशोधन विधेयक और एनआरसी को लेकर एक बार फिर सवालों को उठाया जा रहा है। इसका कारण है कि असम के एक वरिष्ठ भाजपा नेता पवन कुमार राठी को ‘विदेशी नागरिक’ घोषित कर दिया गया है। द हिन्दू की रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान से आने वाले 56 साल के पवन कुमार राठी को अपडेट किए जा रहे राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) के मसौदे में नाम न होने के बाद ‘विदेशी’ घोषित किया गया।
सिलचर में भाजपा के स्थानीय बूथ के अध्यक्ष पवन कुमार राठी पार्टी के टिकट पर स्थानीय चुनाव में खड़े हो चुके हैं। जब उनके परिवार को को उनके ‘विदेशी नागरिक’ घोषित होने का नोटिस मिला, तब वे दिल्ली में थे। उन्होंने बताया कि मैं जितने मिल सके उतने दस्तावेजों की प्रतियां लेने बीकानेर के कालू में अपने पैतृक घर गया था, उन पर ग्राम पंचायत के से दस्तखत करवाए और लौटकर 5 जुलाई को स्थानीय एनआरसी ऑफिस में हुई सुनवाई में शामिल हुआ। उनका दावा है कि पंचायत के सदस्य भी यह जानकर आश्चर्यचकित थे कि किसी मारवाड़ी को विदेशी कैसे घोषित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मैंने अपने पासपोर्ट, आधार कार्ड आदि समेत करीब 40 दस्तावेज दिए थे। एनआरसी अधिकारियों का कहना है कि कोई गलती हुई है।
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