आदिल अहमद
आज संसद में हंगामे के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में एक संकल्प पेश किया जिसमें कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 370 के सभी खंड जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होंगे। गृह मंत्री ने कहा, ‘‘ राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद अनुच्छेद 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे।
सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में एक ऐतिहासिक संकल्प पेश किया जिसमें जम्मू कश्मीर राज्य से संविधान का अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य का विभाजन कर क्रमशः जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख के दो केंद्र शासित क्षेत्रों के रूप में करने का प्रस्ताव किया गया है। जम्मू कश्मीर केंद्र शासित क्षेत्र में अपनी विधायिका होगी जबकि लद्दाख बिना विधायी वाली केंद्रशासित क्षेत्र होगा।
अमित शाह ने कहा कि विगत में 1950 और 1960 के दशकों में तत्कालीन कांग्रेस सरकारों ने इसी तरीके से अनुच्छेद 370 में संशोधन किया था। हमने भी यही तरीका अपनाया है। गृह मंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद स्वयं भी जम्मू कश्मीर से आते हैं, उन्हें चर्चा में भाग लेकर राज्य के लोगों की समस्याओं को उजागर करना चाहिए। शाह ने राज्यसभा में जम्मू एवं कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक 2019 पेश किया। गृह मंत्री अमित शाह ने लद्दाख के लिये केंद्र शासित प्रदेश के गठन की घोषणा की जहां चंडीगढ़ की तरह विधानसभा नहीं होगी। शाह ने राज्यसभा में घोषणा की कि कश्मीर और जम्मू डिविजन विधानसभा के साथ एक अलग केंद्र शासित प्रदेश होगा जहां दिल्ली और पुडुचेरी की तरह विधानसभा होगी।
राज्यसभा में इस दौरान कांग्रेस समेत अधिकतर विपक्षी दलों ने विधेयक का विरोध करते हुए हंगामा किया और आसन के समक्ष धरने पर बैठ गये। हंगामे के दौरान ही पीडीपी के दो सदस्यों को सभापति एम वेंकैया नायडू के आदेश पर मार्शलों ने सदन से बाहर किया। सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वह जम्मू कश्मीर राज्य में संविधान के अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य का विभाजन दो केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में करने संबंधी संकल्प का विरोध करते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी देश के संविधान का सम्मान करती है, उसकी रक्षा का संकल्प जाहिर करती है और संविधान की प्रतियां फाड़े जाने की कड़ी निंदा करती है।
इस दौरान संकल्प के विरोध में आसन के समक्ष आ कर हंगामा कर रहे पीडीपी के सदस्यों ने संकल्प की प्रतियां भी फाड़ीं और हवा में उछालीं। इनमें से एक सदस्य ने अपना कुर्ता भी फाड़ा जिस पर सभापति ने गहरी नाराजगी जाहिर की। पीडीपी सदस्यों ने अपनी बांहों पर काली पट्टी बांध रखी थी। हालांकि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को लेकर बसपा ने सरकार का समर्थन किया । इससे पहले सोमवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की एक घंटे लंबी बैठक चली। समझा जाता है कि इस बैठक में शीर्ष नेतृत्व ने जम्मू-कश्मीर से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की।
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