अनिल कुमार
पटना। शुक्रवार को मोकामा विधायक अनंत सिंह के पैतृक गांव लदमा में छापेमारी के दौरान एके-47 और हैंड ग्रेनेड बरामद किया गया था। शनिवार को पुलिस मुख्यालय ने भारतीय सेना से इस संबंध में जब्त हथियारों के जखीरे को जांच करने हेतु बुलाया। जिसमें सेना ने एके-47 रायफल जबलपुर का बताया और हैंड ग्रेनेड सेना का बताया। सेना के जांच के बाद यह जाहिर हो गया है कि विधायक अनंत सिंह हथियार की तस्करी भी करते थे।
UAPA कानून के तहत पटना पुलिस किसी भी समय विधायक को गिरफ्तार कर सकती है। यह कानून आतंकवाद निरोधक कानून है जिसे हाल ही में संशोधन कर केंद्र सरकार सदन से पारित करायी है और बिहार में सबसे पहला इस कानून के एक्ट का शिकार विधायक अनंत सिंह को हुवे है।
ऐसे इस कानून को केन्द्र सरकार और केंद्र की एजेंसी ही संबंधित व्यक्ति पर कार्रवाई कर सकती है इसमें राज्य सरकार कुछ भी नहीं कर सकती है। इस कानून में दोषी पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति की संपत्ति भी केंद्रीय एजेंसी जब्त कर सकती हैं। यह धारा उस व्यक्ति पर ही लगता है जिससे देश को खतरा का आभास हो। अनंत सिंह के पैतृक गांव लदमा में छापेमारी के दौरान 22 थाना क्षेत्र के पुलिस घेराबंदी कर एके 47, हैंड ग्रेनेड और कारतूस बरामद हुआ जो कि पुलिस मुख्यालय के अनुमान से कम है।
इधर अनंत सिंह के खिलाफ कार्रवाई पर बिहार के पूरा विपक्ष एकजुट हो गया है। हम पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा है कि बिहार के कई राजनेताओं और ठेकेदारों के पास एके-47 रायफल है तो उन लोगों के यहां क्यों नहीं छापेमारी हो रही है। जीतनराम मांझी ने कहा कि दलितों के तर्ज पर सरकार अनंत सिंह को फंसा रही है जैसे दलितों के घर में हथियार रखकर उन्हें नक्सली के केस में फंसाया जाता था। अब अनंत सिंह पर वही फार्मूला सरकार अपना रही है। वहीं राजद के पूर्व सांसद रघुवंश प्रसाद सिंह और मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव ने भी अनंत सिंह को जदयू के सांसद ललन सिंह के इशारे पर फंसाने की साज़िश बताया है।
मीडिया से बातचीत के दौरान विधायक अनंत सिंह ने कहा कि हम शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने के लिए चार बार समय मांगा पर कोई जवाब नहीं मिला। अनंत सिंह का कहना है कि पिछले चौदह वर्षों से वे अपने पैतृक गांव लदमा नहीं गये हैं और पुलिस ही अपने पास से एके-47 रायफल ले गई और मेरे घर पर रख दी है। विधायक ने कहा कि मेरे खिलाफ सारे षड्यंत्र के पीछे जदयू सांसद ललन सिंह का हाथ है। विधायक अनंत सिंह पर दर्ज केस का अनुसंधानकर्ता बाढ़ की एएसपी लिपि सिंह को बनाया गया है क्योंकि UAPA एक्ट में अनुसंधानकर्ता डीएसपी रैंक के अधिकारी होते हैं ।
लिपि सिंह के ऊपर भी विधायक अनंत सिंह हाल में हुए लोकसभा चुनाव में चुनाव आयोग से शिकायत दर्ज करा कर बाढ़ से तबादला करवा दिए थे। जिसके कारण विधायक अनंत सिंह से बाढ़ एएसपी लिपि सिंह का छत्तीस का आंकड़ा है।
ज्ञातव्य है कि बाढ़ एएसपी लिपि सिंह जदयू के राज्यसभा सदस्य आरसीपी सिंह की पुत्री हैं। ऐसे अनंत सिंह ने कहा है कि मुझे न्यायालय पर पूर्ण भरोसा है और यह भी साफ साफ कह दिया है कि हम गिरफ्तार होने के लिए तैयार बैठे हुए हैं। इस केस में विधायक अनंत सिंह के पैतृक गांव लदमा में उनके घर की देखभाल करने वाले सुनील राम की गिरफ्तारी हो चुकी है।
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